
रांची, १२ मार्च ।
झारखंड विधानसभा में मंगलवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। गढ़वा के भाजपा विधायक एसएन तिवारी ने पथ निर्माण विभाग के सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ दिया। इसपर सत्तापक्ष की तरफ से जोरदार पलटवार हुआ। राज्य सरकार के मंत्री डा. इरफान अंसारी इसपर भडक़ गए। उन्होंने ललकारते हुए कहा कि भाजपा के लोगों ने राज्य को 18 साल लूटा है। पथ निर्माण सचिव के कामकाज पर ऊंगली उठाया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। पथ निर्माण विभाग पर उंगली उठाने की उनकी हिम्मत कैसे हुई। यह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कार्य कर रहा है और पूरे राज्य में सडक़ों का जाल बिछाया जा रहा है, जिसे भाजपा नेता पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को तो सरकार के विकास कार्यों की सराहना करनी चाहिए। भाजपा के नेता अब सवाल उठा रहे हैं, लेकिन जब उनकी सरकार थी, तब वे कहां थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा लगातार ग्रामीण विकास विभाग को बदनाम करने का प्रयास कर रही थी।उन्होंने कहा कि अगर कोई एक व्यक्ति गलती करता है तो इसका दोष पूरे विभाग पर नहीं मढ़ा जा सकता। बिना किसी सबूत किसी अधिकारी पर आरोप लगाना उचित नहीं है। वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि विभागीय सचिव का टेंडर कमेटी से कोई लेनादेना नहीं है। इसके बाद तिवारी ने कहा कि रुपया मंत्री यानी वित्त मंत्री हैं आप।इसपर मंत्री दीपिका पांडेय सिंह सहित अन्य सत्तापक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि भाजपा विधायक सडक़ छाप भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।उन्होंने विधायक से अपने कथन का सबूत सदन में रखने की मांग की। कहा कि सदन के सबसे वरीय सदस्य है। यह रुपया मंत्री क्या होता है।इसके बाद स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने बीच-बचाव करते हुए मामले को शांत कराया। विधायक राजेश कच्छप ने रुपया मंत्री कहे जाने को सदन की कार्रवाई से हटाने कीमांग की। इसके बाद भाजपा के सभी नेता सदन से बाहर निकल गए। विधायक प्रदीप यादव ने सडक़ दुर्घटना पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश में करीब 1.5 लाख लोग हर साल सडक़ दुर्घटना में मौत का शिकार हो जाते हैं।इसमें 80 प्रतिशत दुर्घटना शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुई है। राज्य के आकड़े भी चौकाने वाले हैं। वर्ष 2022-24 में राज्य में 3659 लोगों की मौत हुई है।
जिसमें 70 प्रतिशत हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुई है। इसको रोकने के लिए ब्रेथएनलाइजर सहित अन्य उपकरणों से जांच की जानी चाहिए।जिस तरह से केंद्र सरकार ने सडक़ हादसे में 50 प्रतिशत कटौती करने का लक्ष्य निर्धारित की है। उसी तरह राज्य सरकार को भी लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करना चाहिए।उन्होंने राजस्व वसूली प्रक्रिया में सुधार करने का सुझाव देते हुे कहा कि अभी दो हजार करोड़ के राजस्व की वसूली हो रही हैं। लेकिन डीटीओ और एमवीआई डेपुटेशन पर हैं। इसमें सुधार किया जाए तो राजस्व के रूप में पांच हजार करोड़ मिलेगा। पथ निर्माण विभाग की ओर से सडक़ें बनाइ जा रही है, लेकिन चौड़ीकरण के नाम पर गांवों को विस्थापित कर दिया जा रहा है।अगर जनता की नहीं सुनी जाएगी तो लोग सडक़ पर उतरने को तैयार हैं। विभाग को चौड़ीकरण के नाम पर सडक़ के एलाइमेंट बदलाव नहीं करना चाहिए।
प्रदीप यादव ने 1450 हेडमास्टर का एक दिन का वेतन काटने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्य से दूर रखने जाने का मुद्दा लगातार उठ रहा है।उन्हें सुबह साढ़े दस बजे तक बच्चों के उपस्थिति का एसएमएस जिला मुख्यालय को भेजा जाना है। लेकिन मिड डे मिल के चलते गांवों बच्चों की उपस्थिति 11 बजे तक होती है। एसएमएस भेजने में देरी पर शिक्षकों का वेतन काटा जाना तानाशाही है। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए