
शिमला। प्रदेश में सोमवार को कांगड़ा, चंबा व कुल्लू में भारी वर्षा हुई, जिससे कई जगह मकान, पशुशालाएं व रसोईघर गिर गए। डलहौजी में रसोईघर की छत गिरने से महिला की मौत हो गई, जबकि उसका पति घायल हुआ है। कांगड़ा जिले में वर्षा के कारण 24 घंटे के भीतर नौ मकान और सात पशुशालाएं गिरीं। उपमंडल जवाली के तहत पंचायत पनालथ में पौंग बांध क्षेत्र में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है, जिसकी पहचान नहीं हो पाई है। कुल्लू जिले के बंजार, आनी व सैंज में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। सैंज में पिन पार्वती नदी के कटाव से मशीना नाला गांव धंस रहा है। कुल्लू के घलियाड़ गांव को भी भूस्खलन से खतरा हो गया है जिसके कारण 10 परिवार शिविर में ठहराए गए हैं। कुल्लू के कोठी गांव में घर गिर गया लेकिन कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। उपमंडल डलहौजी की पंचायत बाथरी के गांव कुम्हारका में शुक्रवार रात शशि कुमार पत्नी रितु देवी के साथ रसोईघर में था। मिट्टी से बनी छत गिरने से दोनों मलबे के नीचे दब गए। ग्रामीणों ने उन्हें बाहर निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाथरी पहुंचाया, जहां रितु देवी ने दम तोड़ दिया। शशि को मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर कर दिया। चंबा के विकास खंड मैहला के तहत राख-धनाडा-बिंदला संपर्क मार्ग पर राख से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे भूस्खलन के कारण सडक़ का करीब 10 मीटर हिस्सा बह गया। इससे दो पंचायतों गुराड़ और डुलाडा की 4000 आबादी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मनाली-किलाड़ मार्ग पर लाहौल स्पीति के दरेड़ नाले में बाढ़ से बहे पुल के स्थान पर सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) ने 26 घंटे में वैकल्पिक सडक़ बनाकर वाहनों की आवाजाही सुचारू की। डहोरनी नाला के पास भूस्खलन से बाधित ग्रांफू-काजा मार्ग को 12 घंटे बाद बहाल कर दिया है। करपट गांव में बाढ़ की आशंका के चलते 30 से अधिक परिवारों ने शिविरों में शरण ली है। मंडी जिले में सोमवार तडक़े चार बजे नौ मील में भूस्खलन से कीरतपुर-मनाली फोरलेन बाधित हो गया।
इस कारण कुल्लू अस्पताल से पीजीआइ चंडीगढ़ जा रही एंबुलेंस भी अन्य वाहनों के साथ जाम में फंस गई।ढाई घंटे बाद सुबह 6.30 बजे मार्ग को अस्थायी रूप से बहाल किया। रविवार रात वर्षा के बीच हुए शिमला के पंथाघाटी में पासपोर्ट ऑफिस-लोअर पंथाघाटी मार्ग भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया।लोअर खलीणी में भूस्खलन से सडक़ किनारे खड़ी कार व स्कूटी दब गई। वहीं सोलन जिले में फनेवटी गांव में भूस्खलन से तीन मंजिला मकान और जमीन में दरारें आ गई हैं।
प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा कसौली में 82, श्री नयना देवी में 62.6, मनाली में 45 मिलीमीटर दर्ज की गई है। प्रदेश में 41 ट्रांसफार्मर व 282 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। वहीं, भूस्खलन से प्रदेश में चंडीगढ़-मनाली हाईवे सहित 309 सडक़ें बंद हैं। इसके अलावा 265 सडक़ें यातायात के लिए बंद हैं। 20 जून से अभी तक 1753 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। वहीं, बारिश से संबंधित हादसों में अब तक 173 लोगों की जान चली गई है।मौसम विभाग ने पांच अगस्त को कांगड़ा, ऊना व बिलासपुर में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई है। मंडी, हमीरपुर और सिरमौर में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। वहीं, 10 अगस्त तक हल्के से मध्यम वर्षा का क्रम जारी रहेगा। प्रदेश में अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ऊना में 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।