कोरिया बैकुंठपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला कोरिया डॉ. प्रशांत सिंह के निर्देशानुसार तथा सिविल सर्जन डॉ. आयुष जायसवाल एवं जिला कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. कार्तिकेय सिंह के मार्गदर्शन में जिला जेल बैकुंठपुर में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कैदियों में मानसिक तनाव, अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान हेतु महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से चिकित्सा मनोवैज्ञानिक डॉ. सुमन कुमार एवं मनोचिकित्सा काउंसलर श्रीमती शीबा आठवले ने कैदियों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रदान की। विशेषज्ञों ने कैदियों को बताया कि मानसिक रोग केवल भावनाओं तक सीमित नहीं होते, बल्कि शरीर और व्यवहार पर भी सीधा असर डालते हैं। इसलिए लक्षण दिखाई देने पर समय पर उपचार और परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है। कार्यमक्रम के प्रथम चरण में मानसिक रोगों के प्रमुख कारणों जैसे — नकारात्मक विचार, तनाव, पारिवारिक समस्याएँ, सामाजिक अलगाव और नशे की लत के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही अवसाद, बेचैनी, नींद न आना, अत्यधिक क्रोध, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षणों की पहचान करने के उपाय बताए गए। विशेषज्ञों ने कहा कि इन समस्याओं का समय रहते उपचार संभव है और पूरी तरह ठीक भी हुआ जा सकता है। कार्यक्रम के दूसरे चरण में तनाव प्रबंधन से संबंधित विशेष वर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें कैदियों को योग, ध्यान, सही श्वास तकनीक, कला अभिव्यक्ति और सकारात्मक सोच अपनाने की विधि बताई गई। उनका आत्मविश्वास बढ़ाने एवं मानसिक शांति प्रदान करने के लिए प्रेरक गतिविधियाँ भी कराई गईं। मानसिक समस्याओं से जूझ रहे चयनित कैदियों की अलग से काउंसलिंग और साइकोथेरेपी की गई। इस दौरान उन्हें मन की बात साझा करने का अवसर दिया गया जिससे उनके मानसिक बोझ में कमी लाई जा सके। विशेषज्ञों ने कहा कि खुलकर बातचीत करना मानसिक दबाव में सबसे अधिक लाभकारी होता है। भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल ञ्जद्गद्यद्ग-रू्रहृ्रस् के बारे में भी बताया गया। इस सुविधा के माध्यम से जरूरत पडऩे पर फोन पर ही मनोवैज्ञानिक परामर्श प्राप्त किया जा सकता है। कैदियों को यह बताया गया कि भविष्य में भी वे इस सेवा का लाभ उठाकर अपनी मानसिक स्थिति को संतुलित रख सकते हैं। अंतिम चरण में समूह आधारित गतिविधियाँ कराई गईं जिनसे कैदियों में टीम भावना, आपसी विश्वास और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा मिला। इससे एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण हुआ और कैदियों ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जेलर श्री आबिद राजा पूरे समय उपस्थित रहे। उन्होंने जिला स्वास्थ्य विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य सुधार में अत्यंत मददगार साबित होंगे। साथ ही जेल कर्मचारियों का भी सराहनीय सहयोग रहा। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल संवेदनशीलता का उदाहरण है बल्कि यह संदेश भी देता है कि मानसिक स्वास्थ्य सभी के लिए महत्वपूर्ण है — चाहे वे किसी भी परिस्थिति में हों।

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