नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी में गैंग्सटरों से जुड़े मामलों के त्वरित निपटारे के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने पर विचार करें। शीर्ष अदालत ने इस संबंध में एक प्रभावी प्रस्ताव पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।

अदालतें विभिन्न मामलों के बोझ तले दबी हैं

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि इस समय सीमित संख्या में अदालतें विभिन्न मामलों के बोझ तले दबी हैं और गैंग्सटरों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली अदालतें आइपीसी, एनडीपीएस और पीएमएलए के तहत मामलों की भी सुनवाई कर रही हैं।

गैंग्सटरों से संबंधित मामलों के लिए विशेष अदालतें जरूरी

पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश एएसजी एसडी संजय से कहा, ”केंद्र और दिल्ली सरकार एक साथ बैठकर गैंग्सटरों से संबंधित मामलों के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने पर निर्णय क्यों नहीं लेतीं? विशेष अदालतें स्थापित करने से त्वरित सुनवाई होगी।”

फास्ट ट्रैक अदालतों ने बहुत उत्साहजनक परिणाम दिए हैं

शीर्ष अदालत ने कहा, ”फास्ट ट्रैक अदालतों ने बहुत उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। इसी तरह गैंग्सटरों से संबंधित मामलों के लिए भी विशेष अदालतें हो सकती हैं। हम दुर्दांत अपराधियों की बात कर रहे हैं, छिटपुट घटनाओं की नहीं। समाज को उनसे छुटकारा पाना होगा। कानून का राज कायम होना चाहिए और पुलिस को निर्मम होना होगा।”