
पूर्व कर्मियों पर संदेह
कोरबा। वनोपज जांचनाका तनेरा वर्तमान में कटघोरा वनमंडल अंतर्गत शासन के खजाने में सबसे अधिक राजस्व दाखिल करने वाले नाका में प्रथम स्थान पर है, चूंकि दो कोलमाइंस रानी अटारी एवं विजय वेस्ट संचालित होने के कारण यहां लगातार व्यापारी गाडिय़ा (ट्रक-टे्रलर)बेरियर के रास्ते वन मार्ग से होकर चलती है। वन मार्ग के सुरक्षा एवं रख रखाव हेतु शासन द्वारा प्रतिवाहनों से प्रति ट्रीप 50 रूपए की राशि लिया जाता है। वर्तमान में जांच नाका प्रभारी अयोध्या प्रसाद सोनी (वनपाल) की जब से पदस्थापना हुई है। अचानक से खजाना दाखिल की राशि में वृद्धि हुई है अभी प्रतिमाह लगभग एक लाख से डेढ़ लाख रूपए वनोपज जांच नाका तनेरा से शासन के खाते में जमा किया जा रहा है। किन्तु इससे पहले यहां वनपाल अनिल कश्यप एवं अमित कु जूर कार्य देख रहे थे। उस समय महज 30-40 हजार रूपए ही प्रतिमाह शासन के खाते में जमा होते थे। शासन के खाते में जमा हो रही राशि के अंतर को देखते हुए अब वनमहकमे में पूर्व कर्मियों की कार्य प्रणाली को लेकर संदेह पैदा हो गया है कि कहीं कम राशि जमा कर शेष राशि का बंदरबाट तो नहीं कर लिया जाता था। वन विभाग के अधिकारियों से इसकी शिकायत करते हुए जांच कराये जाने की मांग उठ रही है। वही नाका में पदस्थ तथा इसका कार्य देख रहे वन कर्मियों ने बताया कि बारिश की वजह से अधिक से अधिक गाडिय़ों के खदान में लगने की वजह से वर्तमान में राशि में बढ़ोतरी हुई है। क्योंकि बरसात में काम नहीं होने के कारण अधिकांश वाहन मालिक अपनी गाडिय़ों को खदान में लगा देते हैं।