नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दाम्पत्य जीवन फिर शुरू करने की शर्त पर दी गई अग्रिम जमानत रद कर दी है। शीर्ष अदालत ने अग्रिम जमानत देने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी थी कि वह अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन जारी रखेगा तथा उसका सम्मान और गरिमा के साथ भरण-पोषण करेगा।

झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कहा कि वह व्यक्ति तत्कालीन भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के तहत दर्ज मामले में आरोपित है। पीठ ने 29 जुलाई के अपने आदेश में कहा, हाई कोर्ट को अग्रिम जमानत के आवेदन पर पूरी तरह से तय मापदंडों के आधार पर विचार करना चाहिए था, न कि कोई शर्त लगानी चाहिए थी, जो पूर्ववर्ती दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 438(2) से संबद्ध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश हाई कोर्ट के फरवरी 2025 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर पारित किया।