कोरबा। दीपका के पाली रोड पर शराब दुकान विगत 20 वर्षों से जयसवाल चाल में किराए से चल रही है। कम्पाउंड के अन्दर देशी-विदेशी शराब दुकान किराए पर दिया गया है, वहां भी चखना दुकान अवैध रूप से चल रही है। खबर है कि आबकारी दरोगा की मिलीभगत से यह सब हो रहा है। क्योंकि सत्र 2025-26 के लिए ऐसी दुकानों के लिए विधिवत ठेका हुआ ही नहीं है।
खबर के अनुसार दीपका में देशी-विदेशी दुकान लगभग 75 हजार से एक लाख रुपए प्रति माह किराया पर दिया गया है। वहीं चखना दुकान के लिए भी लगभग इतनी ही राशि किराए में दी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दीपका शराब दुकान में लगभग एक करोड़ रूपया प्रति माह की बिक्री है। यहां से अपना शौक पूरा करने वाले लोग चखना कारोबारी को अच्छी राशि प्रतिदिन देते हैं। इसी स्थान पर जो खाली बोतल इकट्ठी होती है उससे ही 5 से 8 हजार की कमाई प्रतिदिन हो रही है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सरकारी शराब दुकानों के संचालन के लिए व्यवस्था दूसरी थी और चखना दुकान भी इसी तर्ज पर चलती थी। दीपिका के कतिपय नेतानुमा लोग चखना दुकान वालों से वसूली करते थे। चखना दुकान का मालिक कई जगह कुछ वर्षों में करोड़ों रुपयों का दीपका से अपनी संपत्ति व बैंक बैलेंस बना लिया है। आबकारी विभाग के स्थानीय प्रभारी के अनुसार 31 मार्च तक ही समय था जो खत्म हो चुका है पर भी आज तक चकना दुकान चालू है। गत वर्ष 2023-24 में चखना दुकान का संचालन कि राशि प्रतिदिन 7000 रुपए की दर से हो रहा था। ऐसा कहा जा रहा है कि शराब के मामले में दीपिका शहर और कोरबा जिला में सबसे ज्यादा शराब में राजस्व देने वाली देसी अंग्रेजी शराब दुकान ने रिकार्ड बनाए। कांग्रेस शासन काल में कोयला और शराब घोटाला सामने आया था। कहा जा रहा है कि अगर दीपका की शराब दुकान में जांच एजेंसी के कदम पड़ते हैं तो कई चौकाने वाले तथ्य उजागर हो सकते हैं।