जांजगीर-चांपा। 17 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार व नायब तहसीलदारों के द्वारा तीन दिनों तक शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया गया मगर तीन दिनों में किसी तरह की पहल नहीं हुई। ऐसे में गुरूवार से सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। जिले के तहसीलदार व नायब तहसीलदार बिलासपुर के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। इधर राजस्व कार्य ठप पड़ गए हैं। जनता बेहाल है। 17 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के तहसीलदार तीन दिनों तक अवकाश लेकर शातिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया गया। लेकिन इस दौरान मांग पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में अब 31 जुलाई से जिलेभर के तहसीलदार व नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। इससे जिले भर में राजस्व कार्य ठप पड़ गए है। तहसील दफ्तर में सन्नाटा पसरा हुआं है। इसके चलते जमीन संबंधी काम को लेकर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग निराश होकर वापस लौट रहे। तीन दिनों से लोग परेशान हैं। इसमें लोग नकल निकालने, त्रुटि सुधार, आय, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र सहित अन्य राजस्व संबंधित कार्य के लिए तहसील कार्यालय पहुंचे, लेकिन अधिकारियों के नहीं होने के कारण कोई काम नहीं हुआ। तहसीलदारों की अनिश्चित कालीन हड़ताल भी शुरू हो चुकी है। इस कारण जिले के तहसील कार्यालयों में काम ठप है। हड़ताल के कारण तहसील कार्यालयों में सत्राटा
पसरा है। मिली जानकारी के अनुसार तहसील ऑफिस में करीब 500 से ज्यादा मामले पेंडिंग है, लेकिन हड़ताल के कारण इन मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही, हालाकि राजस्व संबंधित कार्य के लिए आवेदन करने के साथ पेशी की तारीख जानने के लिए गिने-चुने पक्षकार एवं वकील कार्यालय पहुंच रहे। बड़ी संख्या में तहसील ऑफिस पहुंचे हितग्राहियों का कहना है कि पिछले 4 दिनों से तहसील ऑफिस के चक्कर लगाना पड़ रहा है।
तहसीलदारों का केबिन खाली, लोग लौटे बैरंग
गुरुवार को दफ्तर भी पूरी तरह खाली दिखाई दिया। लोग तहसील दफ्तर अपने काम को लेकर आते रहे, लेकिन तहसीलदारों का कैबिन खाली देखकर मुंह लटकाकर वापस लौट गए। गुरुवार को हड़ताल से वापस आने की जानकारी को लेकर लोग पहुंचे थे, लेकिन अनिश्चितकालीन हड़ताल से बैरंग लौटना पड़ा।
यह है प्रमुख मांगें
तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी डब्लूबीएन, केजीओ नायब नाजिर माल जमादार, भृत्य, वाहन बालक राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए। तहसीलों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए। तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति दी जाए सहित अन्य शामिल है।