
नईदिल्ली, 0३ अगस्त ।
2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कोर्ट ने बरी कर दिया है। वहीं, साध्वी प्रज्ञा का कहना है कि जांच के दौरान गलत जानकारी न फैलाने के कारण उन्हें काफी टॉर्चर किया गया था। रविवार को भोपाल एअरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने कहा, मुझसे गलत जानकारी फैलाने के लिए कहा गया था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। इसलिए मुझे बहुत टॉर्चर किया गया था। साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, वो बहुत निकृष्ट व्यक्ति है। उसने कानून से परे जाकर मुझे प्रताडऩाएं दी हैं। वो अधिकारी के पद पर रहने के काबिल नहीं हैं। अकेले परमबीर सिंह ने नहीं बल्कि पूरे ्रञ्जस् के अधिकारियों ने प्रताडि़त किया है। मैं 24 दिनों तक पुलिस कस्टडी में रही और उनकी प्रताडऩाएं झेलती रही। साध्वी प्रज्ञा का बयान ऐसे समय सामने आया है, जब मालेगांव ब्लास्ट देश में एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है। अदालत से बरी होने के बाद पहली बार भोपाल पहुंची साध्वी प्रज्ञा का कहना है कि पुलिस कस्टडी के दौरान उनपर कई बड़े नेताओं का नाम लेने का आरोप लगाया गया था। साध्वी प्रज्ञा ने कहा- मुझसे बहुत बड़े-बड़े लोगों के नाम जबरदस्ती बोलने के लिए कहा। मैंने नहीं बोला, इसलिए उन्होंने मुझे प्रताडि़त किया। उन नामों में विशेषरूप से भागवत जी, मोदी जी, योगी जी और इंद्रेश जी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया गया। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, कांग्रेस ने मुस्लिम वर्ग के लिए तुष्टिकरण की नीति अपानाई। उन्होंने इसका भरपूर उपयोग किया। हिंदूओं को प्रताडि़त किया गया। उन्होंने भगवा और हिंदुत्व को आतंकवाद कह दिया। कांग्रेस ने यह कुचक्र रचा।