भूविस्थापितों ने एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर के मुख्य द्वार का घेराव कर किया उग्र प्रदर्शन

कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा,गेवरा,दीपका,कोरबा क्षेत्र के प्रभावित गांव के भू विस्थापितों ने छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में अर्जन के बाद जन्म,छोटे खातेदारों को रोजगार एवं लंबित रोजगार की प्रकरणों का निराकरण कर सभी खातेदारों को रोजगार देने,आउट सोर्सिंग कार्यों में प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100′ रोजगार देने की मांग को लेकर रैली निकालते हुए एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर के मुख्य द्वार को बंद कर घेराव प्रदर्शन किया। एसईसीएल द्वारा प्रभावितों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेने पर प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और रोजगार देने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगेद्य घेराव को रोकने के लिए दो चरण में बेरिकेटिंग की गई थी द्यबेरिकेटिंग को तोडक़र आगे बढऩे का प्रयास किया गया जिससे सुरक्षा में तैनात पुलिस बल और सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्का मुक्की और काफी नोकझोंक भी हुई। सीएमडी से चर्चा करने पर सभी प्रदर्शनकारी अड़ गए द्यउसके बाद
एसईसीएल मुख्यालय के अंदर से अधिकारी बाहर आकर एक प्रतिनिधि मंडल को मांगो के संबंध में चर्चा के लिए बुलाया।वार्ता में किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल में प्रशांत झा,दीपक साहू,रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु यादव,रमेश दास एवं एसईसीएल की ओर से सीएमडी हरीश दूहन, डीपी विरंची दास, के साथ बोर्ड मेंबर बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल ने सीएमडी के सामने अर्जन के बाद जन्म और सभी छोटे खातेदारों को रोजगार देने की मांग को प्रमुखता से रखाद्य सीएमडी हरीश दूहन ने सभी की बातों को गंभीरता से सुना और सभी समस्याओं के समाधान के लिए जल्द बैठक आयोजित कर समाधान का आश्वासन दियाद्यउसके बाद 4 घंटे के बाद घेराव समाप्त हुआ।
किसान सभा ने कहा कि मांगो पर आगे सकात्मक पहल नहीं हुआ तो 16 दिसंबर को गेवरा क्षेत्र एवं 30 दिसंबर को कुसमुंडा क्षेत्र में प्रदर्शन और खदान बंद भी किया जायेगा। किसान सभा ने आगे के आंदोलन के लिए नोटिस भी अधिकारियों को थमा दिया।
किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने बैठक में एसईसीएल के अधिकारियों से कहा की सभी भू विस्थापित किसानों जिनकी जमीन एसईसीएल ने अधिग्रहण किया है उन सभी खाते पर भू विस्थापितों को स्थाई रोजगार एसईसीएल को देना होगा। विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ों लोगों को विस्थापित किया गया है अपने पुनर्वास और रोजगार के लिये भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। इस बार गुमराह करने का प्रयास किया गया तो खदानों में उग्र आंदोलन होगा।
किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है। किसानों को छोटे बड़े खातेदार के नाम पर बांटा जा रहा है किसानों की एकता में फुट डालने का काम एसईसीएल द्वारा किया जा रहा है द्यछोटे खातेदारों को रोजगार से वंचित किया गया है और आउट सोर्सिंग कार्यों में भी प्रभावितों को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया है।भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम,रेशम यादव,रघु यादव, सुमेंद्र सिंह और दीपका क्षेत्र के पवन यादव ने कहा कि 1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए जमीन को अधिग्रहित किया गया है लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है न पुनर्वास ऐसे प्रभावितों की संख्या सैकड़ों में है। सभी को रोजगार देना होगा द्यइस पर एसईसीएल ने कहा कि लंबित रोजगार प्रकरणों में रोजगार देने के संबंध में प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगीद्य इस संबंध में जल्द एक और उच्च स्तरीय बैठक सीएमडी के उपस्थिति की जाएगी ।
जिस पर भूविस्थापितों ने कहा कि लंबित रोजगार प्रकरणों में वन टाईम सेटलमेंट के आधार पर रोजगार दिया जाये।मुख्यालय के सामने प्रदर्शन को प्रमुख रूप से वामपंथी नेता नंद कश्यप ने संबोधित किया और प्रदर्शन में प्रमुख रूप से सुमेन्द्र सिंह कंवर, दीनानाथ ,अनिल बिंझवार, नरेश, नारायण,नरेंद्र ,होरीलाल, ,डूमन, उमेश,विजय,बजरंग सोनी ,उत्तम, जितेंद्र ,गणेश ,राजकुमारी, पुरषोत्तम,राम खिलावन, हेम लाल,विष्णु पटेल, चंद्रशेखर,शंकर,अमरजीत, कैलाश,संजय ,पवन,राहुल, हरिहर, रमेश दास,सोनू,हीरा सिंह कंवर ,प्रकाश, भीमदास,बिमल दास, विनोद ,सुरेश,राजेंद्र राठौर, के साथ बड़ी संख्या में चारों क्षेत्र के भू विस्थापित उपस्थित थे।

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