उत्तरकाशी। चारधाम में प्रमुख गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को अन्नकूट पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवासस्थल मुखवा (मुखीमठ) के लिए रवाना हो गयी। डोली गुरुवार को मुखवा पहुंचेगी, जहां पर श्रद्धालु आगामी छह माह तक मां गंगा के दर्शन व पूजन कर सकेंगे।

बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारी सुबह 8:30 पर शुरू हुई। सर्व प्रथम उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इस बीच श्रद्धालुओं ने मां गंगा की भोग मूर्ति के दर्शन किए। इसके बाद अमृत बेला, स्वाति नक्षत्र प्रीतियोग शुभ लग्न पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद किए गए। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर गर्भगृह से बाहर निकली तो पूरा माहौल मां गंगा के जयकारों से गूंज उठा। 14 राजस्थान राइफल्स के बैंड की धुन और परंपरागत ढोल दमाऊ की थाप के साथ 11: 55 पर डोली यात्रा शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए पैदल रवाना हुए। रात्रि विश्राम के लिए गंगा की डोली मुखबा से चार किमी पहले देवी के मंदिर में पहुंचेगी। 23 अक्तूबर की सुबह मां गंगा की डोली माता मंदिर से मुखीमठ स्थित गंगा मंदिर में पहुंचेगी।