
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कड़ी में बुधवार को बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया। इससे पहले मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने भोगमूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना कर भोग लगाया। जैसे ही भगवान की डोली मंदिर परिसर में पहुंची, भक्तों के जयकारों से वातावरण शिवमय हो गया। भक्तों ने डोली के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। मंदिर की एक परिक्रमा के बाद डोली को सभा मंडप में विराजमान किया गया।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वाईएस पुष्पवाण ने बताया कि परंपरा अनुसार गुरुवार को भैयादूज पर सुबह 8:30 बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद भगवान की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना होगी, जहां शीतकाल के छह माह तक नित्य पूजा संपन्न की जाएंगी। पहले दिन डोली रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी, जहां से अगले दिन प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी और 25 अक्टूबर को गुप्तकाशी से प्रस्थान कर ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन ने बताया कि कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।