
नई दिल्ली। भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल शंकर रायचौधरी ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों की एयर स्ट्राइक से कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते। लातों के भूत बातों से नहीं मानते का अर्थ है कि जो व्यक्ति प्रेम की भाषा नहीं समझता, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई आवश्यक है। ऐसे अभियान आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए जारी रहने चाहिए। देश के 18वें सेना प्रमुख रायचौधरी ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर उत्कृष्ट रणनीति के साथ चलाया गया एक प्रभावशाली सैन्य अभियान था, जो पूरी तरह से सफल रहा। मालूम हो कि भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार एवं बुधवार की दरमियानी रात पाकिस्तान एवं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल हैं।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में यह कार्रवाई की गई। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की जानें गई थीं। नवंबर, 1994 से सितंबर, 1997 तक सेना प्रमुख रह चुके रायचौधरी ने कहा, भारत को पाकिस्तान पर प्रहार जारी रखना चाहिए। युद्ध जैसी कोई स्थिति नहीं है। यह पहले से ही एक अघोषित युद्ध है। पाकिस्तान के विरुद्ध 1965, 1971 एवं 1999 की लड़ाई में विशेष भूमिका निभाने वाले देश के जाने माने रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) राज कादयान का मानना है कि युद्ध के मैदान में भारत का मुकाबला किसी भी स्तर पर पाकिस्तान नहीं कर सकता। 1971 में उसके 93 हजार सैनिकों ने घुटने टेके थे। पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैंपों को ध्वस्त करना भारतीय सेना के प्रचंड पराक्रम को दर्शाता है। भारत ऐसा पराक्रम दिखाएगा, यह पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। अब भारत को काफी सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान अपने लोगों को खुश करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में छोटी-मोटी हरकत जरूर करेगा। इतना तय है कि पाकिस्तान युद्ध के मैदान में नहीं आएगा। हां, वह कुछ न कुछ हरकत जरूर करेगा। मेजर जनरल (रिटा.) डॉ. रणजीत सिंह का मानना है कि पाकिस्तान जिम्मेदार देश नहीं है। उसकी हालत ऐसी नहीं कि वह भारत के साथ मैदान में युद्ध कर सके। पहली बार ऐसा हुआ है कि वहां की जनता सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। पाकिस्तानी सेना का मनोबल काफी गिरा हुआ है। ऐसे में वह कुछ ऐसी हरकत कर जाएगा, जिससे भारत को बड़ा एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यदि पाकिस्तान हरकत करता है तो भारत न केवल करारा जवाब दे बल्कि ब्लूचिस्तान को अलग करा देगा। यह बेहतर मौका है। बांग्लादेश की तरह ही ब्लूचिस्तान नामक देश दुनिया के सामने लाने का सही समय है। 54 साल पहले पाकिस्तान से लड़े गए युद्ध के नायक जम्मू के परमवीर चक्र विजेता कैप्टन (सेवानिवृत्त) बाना सिंह और वीर चक्र विजेता कर्नल (सेवानिवृत्त) वीरेंद्र साही कहते हैं कि अब दुश्मन को भारतीय शेरों की बहादुरी की ताकत का अंदाजा लग गया होगा कि वह घर में जाकर भी मार सकते हैं।कैप्टन बाना सिंह का कहना था कि हमारे समय में युद्ध में पैदल सेना की बड़ी अहमियत थी।अब आधुनिक युग में इलेक्ट्रानिक वारफेयर में कंट्रोल रूम में युद्ध लड़ा जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी हमारी सेना ने आधुनिक युद्ध कौशल का परिचय देते हुए आतंक के बुनियादी ढांचे पर सटीक प्रहार कर तबाह किया है। कैप्टन बाना का कहना है कि हमारी सेना की ताकत अब पहले से कई गुना ज्यादा है। दुश्मन यह अच्छी तरह से जानता है। सेना के साथ पूर्व सैनिक भी दुश्मन से लडऩे का जज्बा रखते हैं।