
जांजगीर चांपा। चांपा के हनुमान धारा क्षेत्र में भू-माफियाओं द्वारा अवैध राखड़ डंपिंग का खेल खुलेआम चल रहा है। पर्यावरण प्रदूषण के साथ अब मवेशियों की जान भी दांव पर है, लेकिन जिम्मेदार विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं।
चांपा नगर के हनुमान धारा इलाके सहित शहर के कई छोर में अवैध प्लॉटिंग और राखड़ डंपिंग खुलेआम जारी है। भू-माफिया बिना अनुमति के लगातार राखड़ गिरवा रहे हैं, जिससे एक ओर पर्यावरण बिगड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मवेशी बारिश में जान गंवा रहे हैं। जहां उनका पांव दब जाने के कारण मवेशी निकल नहीं पा रहे हैं।
पिछले सप्ताह दर्जनों मवेशी फंस गए थे, जिन्हें गौसेवकों ने घंटों मशक्कत कर बाहर निकाला था। गौसेवकों की शिकायतों और ज्ञापन के बाद भी न राजस्व विभाग हरकत में आया, न नगर पालिका परिषद। इन राखड़ डालने वाले लोगों से राजस्व विभाग के अधिकारी मिली भगत करके उनसे मोटी रकम ले लेते हैं और बेवकूफ हो करके उन्हें संरक्षण प्रदान करते हैं। चांपा नगर में इसकी शिकायत सबसे अधिक है जहां राजस्व अधिकारियों की भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है। राखल डालने वालों से लगातार राशि मिलते रहने से उन्हें खुली छूट दी जाती है। और जो लोग इन्हें चढ़ावा नहीं चढ़ाते उनके ऊपर कारवाई की जाती है। जब तक क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह से दूषित हो जाता है यही हाल चांपा की है।
कईयो को स्टे ऑर्डर जारी कर दिया गया है, फिर भी डंपिंग जारी है। प्रशासन की यह ढिलाई भू-माफियाओं के हौसले बुलंद कर रही है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन रसूखदारों को किसी राजनीतिक संरक्षण का लाभ मिल रहा है, तभी ये बगैर डर के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। मीडिया को चांपा तहसीलदार प्रशांत पटेल ने अपने बयान में कहा था संबंधित को स्टे आर्डर जारी कर दिया गया है और बावजूद कार्य कर रहा है तो नोटिस देकर कोर्ट बुलाया जाएगा लेकिन इस बात का कोई असर न होना भूमाफिया के मनोबल को दर्शाता है कि ये रसूखदार किसी अपने आका के संरक्षण में कार्य धड़ल्ले से कर रहा हैं जिसका ना तो प्रशासन का खौफ है नहीं बड़ी कार्यवाही का अब देखने वाली बात होगी कि इस पर किस तरह के कार्रवाई होगी।