कोरबा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोरबा नगर के सामूहिक एकत्रीकरण का आयोजन रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर, बुधवारी कोरबा में किया गया। इस अवसर पर संघ के पूर्व प्रचारक एवं प्रख्यात रामकथा वाचक श्री अतुल कृष्ण महाराज जी का प्रवास रहा। कार्यक्रम में गुरुघासीदास उपनगर एवं भगतसिंह उपनगर का संयुक्त एकत्रीकरण रखा गया, जहां स्वयंसेवकों को श्री महाराज का पाथेय प्राप्त हुआ।अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में उन्होंने संघ की 100 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि डॉ. हेडगेवार जी ने 1925 में शाखा का शुभारंभ किया था, जो आज राष्ट्रभक्ति और समाज जागरण की शक्ति बन चुकी है। उन्होंने कहा कि संघ ने विषम परिस्थितियों में भी देश की एकता बनाए रखी, अन्यथा पूर्वोत्तर सहित कई क्षेत्र विभाजित हो सकते थे। अतुल कृष्ण महाराज ने भारत की भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्ता का उल्लेख करते हुए इसे ऋषि और देवभूमि बताया। उन्होंने कहा – मातृभूमि को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाना और भारत को पुन: विश्व गुरु बनाना ही संघ का लक्ष्य है। इसके लिए हर स्वयंसेवक तन-मन-धन से समर्पित होकर कार्य करें।उन्होंने संघ के भगवा ध्वज को गुरु मानते हुए इसे धर्म, शौर्य और समर्पण का प्रतीक बताया। छत्तीसगढ़ की पावन धरा का महत्व बताते हुए कहा कि यही वह दंडकारण्य क्षेत्र है, जहां भगवान श्रीराम ने अगस्त ऋषि से शस्त्र ज्ञान प्राप्त किया था। सिंहावा क्षेत्र को उन्होंने अगस्त ऋषि की तपोभूमि और शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल को अगस्त ऋषि के कमंडल से जुड़ा बताया।अन्य धर्मों में समाज को बांटने की प्रवृत्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केवल हिंदू धर्म हीवसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ विश्व शांति और मानव एकता का संदेश देता है।उन्होंने स्वयंसेवकों को संघ के शताब्दी वर्ष में संकल्पित करते हुए कहा कि संघ संख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर विश्वास करता है। बीते सौ वर्षों से संघ चरित्र निर्माण, हिंदुत्व जागरण और राष्ट्र एकता के लिए सतत कार्य कर रहा है।कार्यक्रम में किशोर बुटोलिया विभाग सह संघचालक और श्री अशोक तिवारी नगर संघचालक मंचासीन रहे।इस अवसर पर डॉ. विशाल उपाध्याय जिला संघचालक, कोरबा, कैलाश नाहक ,जिला कार्यवाह मृगेश यादव,नगर कार्यवाह सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे।