
जांजगीर चांपा। छठ पूजा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर देखा गया। विद्युत झालरों की चमक के साथ गूंजते पारम्परिक छठ गीतों ने माहौल को और अधिक भक्तिमय बना दिया। महिलाओं ने सुसज्जित होकर पूरे नियम निष्ठा के साथ 36 घंटे का निर्जला निभाते हुए अष्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित किया। छठ महापर्व के तीसरे दिन छठव्रतियों के साथ अनेक आस्थावान महिलाओं ने भी संध्याकाल में ढलते सूर्य को अघ्र्य अर्पित किया। वहीं छठव्रतियों के पति भी पूर्ण श्रद्धाभाव से पूजा में सम्मिलित हुए। पूरा घाट छठ मैया की भक्तिमय माहौल से सराबोर रहा। सूर्यषष्ठी छठ पूजा महाव्रत महोत्सव का आयोजन सुशील सिंह अध्यक्ष भोजपुरी समाज संस्थापक संरक्षक
सत्येंद्र सिंह, बीके दास, संतोष सिंह, राजकुमार सरोज, विनोद सिंह, शिव शंकर झा, पवन सिंह, रंजन सिंह, एसके संघ, एसपी सिंह, सिद्धांत सिंग, सुमित सिंह, कैलाश पांडेय, पंकज सिंह, दिनेश राठौर, वल्लभ दास, डीएन सिंह, जय शंकर तिवारी, मनोज सिंह, रविंदर सिंह, सुधीश तिवारी एवं अनेक लोगों ने श्रद्धाभक्ति पूर्वक अस्ताचलगामी सूर्य को अरग प्रदान किया। छठ महापर्व को लेकर महिलाओं ने गुड़ की खीर खाकर 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू किया।
वहीं सोमवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया। महापर्व के लिए छठ घाटों व सरोवरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। जहां छठी मईया के मंगल गीत गूंजते रहे। व्रती महिलाओं ने रविवार को खरना की परंपरा निभाई। शाम को स्नान कर नए वस्त्र धारण किए। शुद्धता व पवित्रता का ध्यान रखते हुए मिट्टी के नए चूल्हे पर गुड़ की खीर और घर पर तैयार किए गए आटे की रोटियां बनाई गईं। चूल्हे में आम की लकडिय़ों का इस्तेमाल किया गया।


















