पटना। भारतीय डाक विभाग ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए एक सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया है। अब पत्र, पार्सल और अन्य सामग्री भेजने के लिए केवल स्पीड पोस्ट सेवा उपलब्ध होगी।

इस कदम का मकसद डाक सेवाओं को तेज, आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाना है। डाक विभाग के महानिदेशक द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, सभी प्रक्रियाओं, प्रशिक्षण सामग्री और तकनीकी दस्तावेजों को अगस्त के पहले सप्ताह में अद्यतन कर लिया जाएगा। रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा जो औपनिवेशिक काल से चली आ रही थी, अपनी विश्वसनीयता और कानूनी महत्व के लिए जानी जाती थी। यह सेवा सरकारी पत्राचार, नौकरी के नियुक्ति पत्र, कानूनी दस्तावेज और व्यक्तिगत पत्रों के लिए लोकप्रिय थी।

इसकी खासियत थी इसकी ट्रैकिंग सुविधा, प्राप्तकर्ता की पहचान का सत्यापन और डिलीवरी का लिखित प्रमाण। हालांकि, डाक विभाग का मानना है कि 1986 में शुरू हुई स्पीड पोस्ट सेवा कहीं अधिक तेज और उपयोगी है। इसमें रियल-टाइम ट्रैकिंग, डिजिटल भुगतान विकल्प और बीमा जैसी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं, जो इसे आज के समय की मांगों के अनुरूप बनाती हैं। यह बदलाव डाक सेवाओं में एकरूपता लाएगा और परिचालन खर्च को कम करेगा। हालांकि, यह निर्णय उन लोगों के लिए भावनात्मक झटका हो सकता है, जिनके लिए रजिस्टर्ड पोस्ट दशकों से भरोसे का प्रतीक रही है। डाक विभाग ने सभी सरकारी कार्यालयों, बैंकों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संगठनों को निर्देश दिया है कि वे एक सितंबर तक अपनी प्रक्रियाओं को स्पीड पोस्ट के अनुरूप ढाल लें।