
मुंबई। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 10 जुलाई को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के इंदिरा पॉइंट से 52 नॉटिकल मील दक्षिण-पूर्व में फंसी अमेरिकी नौका सी एंजल और इसके दो चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचाया। नौका में एक अमेरिकी और एक तुर्की नागरिक सवार थे, जो तेज हवाओं और उबड़-खाबड़ समुद्र में अपनी नौका के खराब होने के कारण संकट में थे। भारतीय तटरक्षक बल के जहाज राजवीर ने इस जोखिम भरे अभियान को अंजाम देकर नौका को कैंपबेल बे तक सुरक्षित पहुंचाया। 10 जुलाई को सुबह 11.57 बजे, पोर्ट ब्लेयर में तटरक्षक बल के समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) को चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से संकट सिग्नल मिला। नौका सी एंजल की पाल फट गई थी और इसका प्रोपेलर रस्सियों में उलझने के कारण पूरी तरह से काम नहीं कर रहा था।
एमआरसीसी ने तुरंत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नेटवर्क को सक्रिय किया और जहाज राजवीर को बचाव के लिए रवाना किया। तेज हवाओं और ऊंची लहरों के बीच जहाज राजवीर नौका तक पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। बचाव दल ने पाया कि नौका की पाल पूरी तरह से फटी हुई थी और प्रोपेलर रस्सियों में उलझा था, जिसके कारण नौका गतिहीन थी। तटरक्षक बल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 10 जुलाई को शाम 6.50 बजे नौका का संचालन करना शुरू किया। लगभग 13 घंटे के कठिन अभियान के बाद, सी एंजल को 11 जुलाई को सुबह 8.00 बजे कैंपबेल बे में सुरक्षित लाया गया।
दोनों चालक दल के सदस्य पूरी तरह से सुरक्षित हैं, और नौका को बंदरगाह पर लंगर डालकर मरम्मत के लिए तैयार किया गया है। इस अभियान ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल भी पेश की। भारतीय तटरक्षक बल का यह प्रयास न केवल उनकी वीरता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे किसी भी संकट में मानव जीवन की रक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं।