ज्ञान का खुल रहा द्वार : विद्यार्थियों की सोच बदल रही अखबार‘

कोरबा। जिले के स्कूलों में अब एक नई सुबह की शुरुआत होती है- हाथों में किताबों के साथ-साथ अखबार भी। यह बदलाव आया है जिला प्रशासन की पहल से, जिन्होंने विद्यार्थियों को समसामयिक घटनाओं से जोडऩे और करियर निर्माण में सहयोग देने के उद्देश्य से एक अभिनव कदम उठाया है। उन्होंने डीएमएफ फंड से सभी हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में न्यूज़ पेपर स्टैंड लगवाया है।
पहले स्कूलों में बच्चे केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित रहते थे। लेकिन अब जब वे स्कूल के गेट से भीतर प्रवेश करते हैं, तो सबसे पहले न्यूज़ पेपर स्टैंड में सजे अखबारों पर उनकी नज़र जाती है। देश-दुनिया, राज्य और अपने जिले की खबरें पढ़ते हुए उनमें एक नई जिज्ञासा, नई दृष्टि और आत्मविश्वास का संचार होता है। पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम लेंगी के हाई स्कूल की छात्रा समीना कहती है कि अब हमें सिर्फ किताबों से ही नहीं, बल्कि अखबार से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। देश-विदेश की खबरें पढक़र समझ आता है कि बाहर की दुनिया कितनी बड़ी है और हम उसमें क्या बन सकते हैं।समीना की सहपाठी सोनी मार्को और कल्याणी भी हर सुबह स्टैंड पर लगे अखबार को पढ़ती हैं। वे बताती हैं कि इससे उन्हें परीक्षा की तैयारी में मदद मिलती है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। वहीं, कोरबा ब्लॉक के ग्राम अजगरबहार के हायर सेकंडरी स्कूल में 12वीं की छात्रा आरती, ममता, सुनीता और लक्षमनिया बताती हैं कि हम कॉलेज की पढ़ाई करना चाहती हैं। अखबार पढक़र हमें पता चलता है कि आगे कौन-कौन से कोर्स हैं, कौन-से कॉलेज अच्छे हैं और देश में क्या नई योजनाएं चल रही हैं। यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है। इस छोटे से प्रयास ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के विद्यार्थियों में जागरूकता, आत्मविश्वास और भविष्य की सोच को जगाया है।‘‘ अब सुबह की घंटी सिर्फ स्कूल शुरू होने का संकेत नहीं देती वह यह भी बताती है कि ज्ञान का नया द्वार खुल चुका है। जिला प्रशासन की यह पहल कोरबा जिले के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ विचार और दृष्टिकोण की समृद्धि भी दे रही है। यह कहानी बताती है कि अगर अवसर और संसाधन सही दिशा में लगाए जाएं, तो हर बच्चे में समाज को बदलने की ताकत होती है। यह केवल अखबार पढऩे की पहल नहीं है, यह भविष्य पढऩे की शुरुआत है।

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