
कोरबा। आचार्य सत्येंद्र कृष्ण महाराज ने कहा है कि भाग्य और प्रारब्ध दो अलग विषय हैं और इनमें पर्याप्त बुनियादी अंतर है। श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत परीक्षित जन्म और संबंधित प्रसंग का विवेचन करते हुए उन्होंने विषय वस्तु को समझाया।
मिथलेश सिंह व परिजनो द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस आचार्य सत्येंद्र कृष्ण महाराज ने कथा महात्म्य के साथ गोकर्ण व राजा परीक्षित के जन्म के प्रसंग की चर्चा की। शिवनपुर अंकोरहा में इस अनुष्ठान के अंतर्गत आचार्य सत्येंद्र कृष्ण महाराज ने कहा कि भाग्य में जो चीज शामिल हैं वे अलग-अलग कारण से प्रभावित हो जाते हैं लेकिन आपके प्रारब्ध में जो कुछ लिखा हुआ है उसे अवश्य घटित होना है। उन्होंने परीक्षित के साथ कई घटनाओं का उल्लेख किया और बात को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा की आडंबर और दिखावे से नहीं बल्कि ईश्वर सच्ची भक्ति और प्रेम के वशीभूत होकर अपने भक्तों के नजदीक आते हैं। कथा के अंतर्गत आज दूसरे दिन अजामिल और प्रहलाद चरित्र का वर्णन किया गया। 11 अक्टूबर को इस अनुष्ठान का समापन होगा। पंडित रासबिहारी याजिक प्रमुख हैं। इस आयोजन में गोपाल प्रसाद सिंह, अमरेश कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, दिलीप कुमार सिंह और मनोज कुमार सिंह व परिजनों का सहयोग प्राप्त हो रहा है।