कोरबा। सावन के महीने में कोरबा में सैकड़ों ही नहीं बल्कि हजार वर्ष प्राचीन में अनुष्ठान के साथ-साथ दर्शन-पूजन करने के लिए भक्तों में विशेष उत्साह दिख रहा है। नौवीं शताब्दी में विक्रमादित्य द्वितीय के द्वारा बनाए गए पाली के शिव मंदिर में इन दिनों काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उनके लिए यह मंदिर अपने आपमें विशेष मायने रखता है। याद रहे प्राचीन काल में जब आधुनिक संसाधन नहीं थे तब भी शिल्प और वास्तुकला काफी एडवांस रही होगी, इसके उदाहरण इस मंदिर के निर्माण और शिल्प को देखते हुए हे मिलते हैं। यहां पर पहुंचने वाले भक्तों का कहना है कि मंदिर की ऐतिहासिकता और इसके संरक्षण को लेकर भारतीय पुरातत्व की ओर से जो कुछ काम किया जा रहा है, वह क्षेत्र का नई पजचान देता है। उन्होंने कहा कि इसे पर्यटन परिपथ में शामिल करने की जरूरत है।