जिले के ‘माननीयों’ को जनहित से जुड़े इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं
कोरबा। कहने के लिए रेलवे के अमृत काल में कुछ परियोजनाओं से कोरबा को जोड़ा गया है और विभिन्न कार्यों पर लगभग 49 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उद्देश्य यह है कि स्टेशन पर सुविधाएं बढ़े और बाहर से देखने में अच्छा लगे। लेकिन यहां से चल रही हैं गिनती के ट्रेन, पर जिले के माननीयों को इससे क्या मतलब। यात्रियों की परेशानी भी उनकी नजर में नहीं है। कोरबा से कई रूट पर सीधी ट्रेन नहीं है और इस चक्कर में यात्रियों की जेबों पर हर दिन डाका पड़ रहा है। मजबूरी के कारण यात्री कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कोरबा स्टेशन शामिल है। रेल प्रबंधन को यहां यात्री सुविधाओं को लेकर सोचने की जरूरत नहीं रह गई है। उसका पूरा ध्यान अधिकतम मात्रा में कोयला डिस्पैच पर टिका हुआ है। कोल साइडिंग किस तरह से चल रही है और वहां पर क्या समस्या है, यह रेल प्रबंधन की रूचि का विषय है। वर्तमान में कोरबा-अमृतसर, कोरबा-विशाखापट्टनम, कोरबा-त्रिवेंद्रम, कोरबा-यशवंतपुर और कोरबा-इतवारी के बीच ही डायरेक्ट ट्रेन है। भोपाल, रीवां, इंदौर, प्रयागराज, वाराणसी से लेकर ओडिसा, झारखंड और कोलकाता की रूट पर कोरबा से कोई भी ट्रेन की कनेक्टिविटी नहीं है। लोगों को अधिकतर गाडिय़ों को पकडऩे के लिए बिलासपुर का चक्कर लगाना पड़ता है। हैरानी की बात यह है कि बिलासपुर मुख्य स्टेशन नाम का रह गया है क्योंकि अधिकांश गाडिय़ां बायपास ही चल रही है और इसके लिए यात्रियों को उस्लापुर स्टेशन जाना पड़ रहा है। इस वजह से कोरबा से बिलासपुर की दूरी अगर 25 रुपए में तय होती है तो वहां पर अगले स्टेशन तक पहुंचने के लिए अधिकतम 150 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। लंबे समय से यह व्यवस्था बनी हुई है जिससे लोग परेशान हैं। इसलिए मांग हो रही है कि संबंधित रूट पर सीधी गाडिय़ां कोरबा से चलाई जाए जिसके लिए बिलासपुर मंडल और जोन में विकल्प मौजूद है। जानबूझकर इसकी उपयोगिता तय करने से प्रबंधन बच रहा है। हैरत की बात यह है कि व्यापक जनहित वाले इस विषय से कोरबा जिले के तमाम जनप्रतिनिधि भलीभांति अवगत हैं लेकिन रेल प्रबंधन को अक्ल देने के लिए उन्होंने न तो पहल की और न ही आंदोलन का रूख किया।
बीकानेर सांसद ने ली रूचि
बीकानेर से कोरबा के लिए ट्रेन चलाने रेल संघर्ष समिति ने पहल की और पत्राचार किया। राजस्थान के बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने मंडल स्तर पर मामले को उठाया।