
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को बताया कि भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए सौर ऊर्जा उत्पन्न करने में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (इरेना) के आंकड़ों का हवाला देते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि भारत अब तक 1,08,494 गीगावाट आवर (जीडब्ल्यूएच) सौर ऊर्जा का उत्पादन कर चुका है, जबकि जापान ने 96,459 जीडब्ल्यूएच सौर उर्जा उत्पन्न की है।एक एक्स पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए जोशी ने कहा कि भारत वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में अग्रणी है। यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली क्षमता के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रहा है।इस दिशा में भारत की प्रगति न केवल ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भी एक मजबूत कदम साबित होगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, सौर पीवी क्षमता वृद्धि में चीन सबसे आगे है। इसने 2023 में 260 गीगावाट की वृद्धि की, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तिगुना है। 2022 में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना में कार्यान्वयन के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनसे क्षमता वृद्धि को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।अमेरिका ने 2022 में मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम (आईआरए) में सौर पीवी के लिए उदार नई धनराशि शामिल की। अमेरिका में पीवी वृद्धि 2023 में 70त्न बढक़र रिकॉर्ड 32 गीगावाट तक पहुंच गई।