
नई दिल्ली। भाजपा के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने सोमवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा वीबी-जी राम जी कानून की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि यह कानून रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) का विध्वंस नहीं, बल्कि लंबे समय से लंबित सुधार है।
मालवीय ने कहा कि सोनिया गांधी का एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित हालिया लेख तथ्यात्मक या कानूनी आकलन के बजाय राजनीतिक अटकलों को दर्शाता है। उनके तर्क गलत बयानों और चुनिंदा व्याख्या पर आधारित हैं। इससे पता चलता है कि उन्होंने नए अधिनियम के प्रविधानों का अध्ययन नहीं किया है।
‘झूठ पर आधारित हैं तर्क’
भाजपा नेता ने एक्स पर लिखा- मनरेगा पर सोनिया गांधी का लेख कानून या आंकड़ों के साथ गंभीर जुड़ाव से कहीं अधिक राजनीतिक कल्पना की उड़ान जैसा लगता है। यह स्पष्ट है कि उन्होंने वीबी-जी राम जी अधिनियम नहीं पढ़ा है, क्योंकि उनके तर्क गलत व्याख्याओं, चुनिंदा स्मृति और सरासर झूठ पर आधारित हैं।
मालवीय ने किया सोनिया के दावे का खंडन
मालवीय ने सोनिया गांधी के इस दावे का खंडन किया कि नए कानून के तहत रोजगार की मांग-आधारित प्रकृति कमजोर हो गई है। कहा कि रोजगार का कानूनी अधिकार बरकरार है। रोजगार गारंटी को मजबूत किया गया है और अधिकतम कार्यदिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है।




























