
नईदिल्ली, २० अक्टूबर ।
पूरा देश आज दीवाली का त्योहार मना रहा है। इस बीच पीएम मोदी ने हमारे बहादुर आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के साथ आज दीवाली का त्योहार मनाया। बता दें कि हर साल दीवाली में पीएम मोदी जवानों के साथ इस खास त्योहार को मनाते रहे हैं। दरअसल, दीवाली के खास मौके पर पीएम मोदी ने गोवा और कारवार के तट पर आईएएनएस विक्रांत का दौरा किया। यहां आईएएनएस विक्रांत पर नेवी के जवानों को पीएम मोदी ने संबोधित किया और उन्हें दीवाली की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गोवा और कारवार के तट पर आईएएनएस विक्रांत पर बहादुर सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाई। पीएम मोदी ने आईएएनएस विक्रांत पर जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन अद्भुत है। यह दृश्य यादगार है। आज, एक तरफ मेरे पास समंदर है, तो दूसरी तरफ मेरे पास भारत माता के वीर जवानों की ताकत है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज एक ओर मेरे पास अनंत क्षितिज, अनंत आकाश है और दूसरी ओर मेरे पास यह एक विशाल आईएएनएस विक्रांत है, जिसमें तमाम शक्तियां हैं। समुद्र के पानी पर सूरज की किरणों की चमक बहादुर सैनिकों की ओर से जलाए गए दीवाली दीयों की जैसी है। पीएम मोदी ने गोवा और कारवार के तट पर आईएएनएस विक्रांत पर दिवाली मनाते हुए कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं कि इस बार मैं दिवाली का यह पवित्र त्योहार नौसेना के आप सभी बहादुर सैनिकों के बीच मना रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल आईएनएस विक्रांत पर बिताई गई रात को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मैंने देखा कि आपने कितनी शानदार ऊर्जा के साथ थे। जब मैंने कल आपको देशभक्ति के गाने गाते हुए देखा और जिस तरीके से आपने अपने गानों में ऑपरेशन सिंदुर का जिक्र के बारे में बताया, कोई भी शब्द उस अनुभव को पूरी तरीके से बयां नहीं कर सकता है। यह केवल एक जवान युद्ध के मैदान में खड़ा होकर महसूस करता है। जवानों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं मिलिट्री इक्विपमेंट की ताकत देख रहा था। ये बड़े जहाज़, हवा से भी तेज चलने वाले एयरक्राफ्ट, ये सबमरीन, ये अपने आप में शानदार हैं, लेकिन जो चीज इन्हें सच में जबरदस्त बनाती है, वह है इन्हें चलाने वालों की हिम्मत। ये जहाज भले ही लोहे के बने हों, लेकिन जब आप इन पर चढ़ते हैं, तो ये आर्म्ड सर्विसेज की जीती-जागती, सांस लेती ताकत बन जाते हैं। मैं कल से आपके साथ हूं। हर पल, मैंने कुछ न कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि जब मैं दिल्ली से निकला था, तो मैंने सोचा था कि मैं इस पल को खुद जी लूंगा। लेकिन आपकी मेहनत, तपस्या और लगन इतने ऊँचे लेवल पर है कि मैं इसे सच में जी नहीं पाया। हालांकि, मुझे इसकी समझ तो मिली।
मैं सिर्फ सोच सकता हूं कि इस जिंदगी को सच में जीना कितना मुश्किल होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समुद्र की गहरी रात और आज सुबह के सूर्योदय ने मेरी दिवाली को कई तरह से खास बना दिया है। ढ्ढहृस् विक्रांत के डेक से, मैं देश के लोगों को दीवाली की शुभकामनाएं भेजता हूं। सबसे ज़रूरी बात, आपके परिवारों को भी दीवाली की दिल से शुभकामनाएं।