दुश्मन पनडुब्बियों का काल बनेगा ये युद्धपोत, नौसेना में आज शामिल होगा स्वदेशी तकनीक से बना ‘माहे

नई दिल्ली। देश की रक्षा की तैयारियों के मामले में नौसेना आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से एक और कदम बढ़ाने जा रही है। 80 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री से तैयार पनडुब्बियों के दुश्मन युद्धपोत ‘माहे’ को सोमवार को नौसेना में शामिल किया जाएगा। माहे श्रेणी का ये पहला अत्याधुनिक युद्धपोत है, जो नौसेना में शामिल होने जा रहा है। ऐसे आठ युद्धपोत और तैयार करने की योजना है।

नेवल डाकयार्ड में होगी माहे की कमिशनिंग

माहे श्रेणी के ‘एंटी सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट’ की कमीशनिंग समारोह मुंबई स्थित नेवल डाकयार्ड में आयोजित होगा, जिसकी मेजबानी वेस्टर्न नेवल कमांड के फ्लैग अफसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन करेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी करेंगे।

स्वदेशी उथले पानी के युद्धपोतों की नई पीढ़ी की शुरुआत

‘माहे’ का शामिल होना स्वदेशी उथले पानी के युद्धपोतों की नई पीढ़ी की शुरुआत माना जा रहा है, जो तेज, फुर्तीले और तकनीकी रूप से उन्नत माने जाते हैं। जहाज में 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी घटकों का उपयोग किया गया है, जो भारत की बढ़ती डिजाइन और निर्माण क्षमताओं का प्रमाण है।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया ये युद्धपोत

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘माहे’ को पश्चिमी समुद्रतट पर “साइलेंट हंटर” की भूमिका निभाने के लिए तैयार किया गया है। यह जहाज समुद्र की उथली गहराइयों में दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने, तटीय गश्त करने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम है।

RO No. 13467/ 8