कोच्चि। वायुसेना के मोर्चे पर चीन को पीछे छोड़ चुका भारत अब नौसैनिक मोर्चे पर भी चीन को पीछे छोड़ने को तैयार है। जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने शनिवार को तीन अत्याधुनिक पोतों का एक साथ जलावतरण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की।

कोचीन शिपयार्ड ने तीनों पोतों का एकसाथ किया जलावतरण

इन पोतों में एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी), हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मेथनाल-रेडी कमीशनिंग सर्विस आपरेशन वेसल (सीएसओवी) और देश का सबसे बड़ा ट्रेलर सक्शन हापर ड्रेजर, डीसीआइ ड्रेज गोदावरी शामिल है।

एक साथ तीन पोतों का जलावतरण जटिल जहाज निर्माण, टिकाऊ प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की बढ़ती क्षमताओं को रेखांकित करता है।

सीएसएल ने कहा कि ये पोत मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत की इंजीनिय¨रग उत्कृष्टता और स्वदेशीकरण की प्रतिबद्धता का परिचायक है।

आठ जहाजों की श्रृंखला में छठा जहाज है एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसीभारतीय नौसेना के लिए निर्मित एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी आठ जहाजों की श्रृंखला का छठा पोत है। ये पोत नौसेना के मौजूदा अभय श्रेणी के जलपोतों की जगह लेंगे।