
रामानुजगंज। रामानुजगंज नगर में विगत एक महीने में तीन आत्महत्या की घटनाएं हो गई है जो काफी चिंता का विषय है। जिस प्रकार से परिवार का विखंडन, छोटी-छोटी बातों में लोगों का उग्र होना, मोबाइल की लत, आर्थिक स्थिति खराब होना, एकांकीपन लोगों को घेरते जा रहा है निश्चित रूप से यह आत्महत्या की ओर लोगों को अग्रेषित कर रहा है। नगर में एक माह के अंदर एक नाबालिक बच्ची एवं दो युवक, युवती अलग-अलग कारणों आत्महत्या किए। नगर में दोबारा इस प्रकार की घटना न हो इसके लिए सभी लोगों को चिंता करने की आवश्यकता है आखिर में क्यों लोग आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठा ले रहे हैं।
लोगों में खुशी कम होना छोटी-छोटी बातों में उग्र हो जाना यह आम हो गई है। पति पत्नी के बीच अक्सर विवाद होते रहता है परंतु यह कभी-कभी काफी उग्र रूप धारण कर लेता है। स्थिति ऐसी हो जाती है कि पति या पत्नी दोनों मरने मारने के लिए उतारू हो जाते हैं ऐसे में एक व्यक्ति को समझदारी दिखाकर ऐसी स्थिति पर काबू करने की आवश्यकता है। सबसे खतरनाक स्थिति तब निर्मित हो जाती है जब पति एवं पत्नी दोनों काफी उग्र हो जाते हैं दोनों एक दूसरे को समझने को तैयार नहीं होते हैं ऐसे में अप्रिय घटना होना की सबसे अधिक संभावना होती है। बच्चों का मोबाइल के प्रति बहुत ज्यादा आसक्ति भी बच्चों को चिड़चिड़ा एवं उग्र कर रही है। समाज के सभी लोगों को आत्महत्या जैसी संगीन घटनाएं उसे कैसा रोका जाए इसके लिए चिंता करने की आवश्यकता है। आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि हम सब अपने अगल-बगल के लोगों की असामान्य गतिविधियों पर नजर रखें वही बहुत अधिक है यदि लड़ाई अगल-बगल में हो तो जरूर कम से कम पुलिस को सूचना या खुद हस्तक्षेप करें ताकि वहां कोई अप्रिय घटना न घट सके। नगर के वार्ड क्रमांक 1 में इसलिए एक लडक़ी के द्वारा सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर लिया गया कि वह अपने पापा के पसंद के लडक़े से शादी नहीं करना चाहती थी। वह घर से इस बात को लेकर विद्रोह कर रही थी कि शादी अपने पसंद से करेगी। वार्ड क्रमांक 13 का युवक प्रेम विवाह करने के बाद अपनी पत्नी को लेकर वार्ड क्रमांक में 14 में रहने लगा परंतु पत्नी से अक्सर छोटी-छोटी बातों में झगड़ा होने लगा था अक्सर यह होता था की पत्नी से लड़ाई करने के बाद वह दरवाजा बंद कर सो जाता था। परंतु झगड़ा इस बार हुआ तो वह दरवाजा तो इस बार बंद कर परंतु आत्महत्या कर लिया। नगर में जो दो आत्महत्या की घटना हुई उसमें परिजन सामने में थे और दरवाजा बंद हुआ परिजन यह सोचते रहे की दरवाजा कुछ देर में खुलेगा परंतु जब दरवाजा खोला गया तो आत्महत्या की घटना की जा चुकी थी अगर कोई बहुत ज्यादा गुस्सा में हो और दरवाजा बंद कर रहा हो तो दरवाजा बंद न करने दे समझाएं। गायत्री परिवार के अरुण जायसवाल ने कहा कि नगर में जिस प्रकार से एक माह के अंदर तीन आत्महत्या की घटनाएं हुई वह बहुत विचलित कर देने वाला है सबसे गंभीर चिंता का विषय यह है नाबालिक बच्ची एवं दो नौजवान युवक, युवती असमय आत्महत्या कर कर अपने जीवन लीला समाप्त कर लिए। हम सबको गंभीरता से आत्महत्या की प्रवृत्ति रुके इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। प्रतिष्ठित व्यापारी भरत लाल केसरी में कहा कि आत्महत्या करना किसी समस्या का निवारण नहीं है आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति निश्चित रूप से परिवार के विखंडन, अवसाद, मोबाइल की लत सहित अन्य कारण है हम सबको चाहिए कि अपने अगल-बगल के लोगों के प्रति सजग रहे एवं अगल-बगल के लोगों का असामान्य व्यवहार होने पर इसे संज्ञान ने तभी इस प्रकार की घटनाओं पर काबू पा सकते हैं।