
नईदिल्ली २0 नवंबर ।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर अपना फैसला सुनाया। पांच जजों की बेंच ने गवर्नर और प्रेसिडेंट के लिए बिल पर कार्रवाई करने की टाइमलाइन तय करने के प्रेसिडेंशियल रेफरेंस फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यपाल या राष्ट्रपति के लिए समय सीमा तक करने का कोई अधिकार नहीं हैं। दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूछा था कि क्या कोई संवैधानिक अदालत राज्य विधानसभाओं से पारित विधेयकों को मंजूरी देने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए समयसीमा तय कर सकती है।
पांच पीठों की बेंच ने कहा कि गवर्नर द्वारा बिलों को मंजूरी देने के लिए समय सीमा तय नहीं की जा सकती। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि डीम्ड असेंट का सिद्धांत संविधान की भावना और शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत के खिलाफ है। ष्टछ्वढ्ढ बी आर गवई ने कहा कि प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर यह एकमत से लिया गया फैसला है।





















