
नईदिल्ली, २७ जुलाई ।
गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सामने भविष्य में आने वाली आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच रियल टाइम डाटा शेयरिंग का इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया।आंतरिक सुरक्षा की मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की नए सिरे से स्थापना बताया। हाईब्रिड माडल पर आयोजित सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के महानिदेशक और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीक से जुड़े विशेषज्ञ भी शामिल हुए। शुरू हुए सम्मेलन को अंतिम दिन संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का सुबूत है, जिसका प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने किया गया। मोदी सरकार के दौरान पिछले 11 वर्षों में देश की आंतरिक समस्याओं के समाधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को विरासत में विभिन्न राज्यों में बिखरी हुई अनेक समस्याएं मिली थीं, जिनका समाधान किया गया।अमित शाह ने देश के सामने बढ़ती चुनौतियों के लिए तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को भी एक कारण बताया। उन्होंने कहा कि भारत सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था में से एक है। इसलिए देश के सामने चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होंने सजग रहने और उनका समाधान निकालने की सलाह दी। उन्होंने वरिष्ठ अफसरों द्वारा युवा अफसरों को समस्याओं से परिचित कराने और उनका समाधान खोजने में मदद करने का आह्वान किया। कहा कि यह सम्मेलन इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है।इसे देखते हुए सभी राज्यों के पुलिस बल और केंद्रीय जांच एजेंसियों को विश्व में सबसे बेहतर बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढऩा चाहिए। यही नहीं, सभी एजेंसियों के दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें सुरक्षा और सजगता को आदत और समन्वय को कार्य पद्धति का हिस्सा बनाना चाहिए। आईएएनएस के अनुसार, गृह मंत्री शाह ने सम्मेलन में आतंकवाद और तस्करी में शामिल भगोड़ों के खिलाफ सख्त रणनीति अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं का विश्लेषण करके आतंकवाद की फंडिंग के स्त्रोतों का पता लगाने और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ विदेशी ताकतों का मुकाबला करने तथा उनके घरेलू नेटवर्क को ध्वस्त करने पर भी जोर दिया।इससे पहले सुरक्षा अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत में गृह मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ ढांचे को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी और राज्य आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से कहा कि वे अगले तीन वर्षों को नशा मुक्त भारत के लिए एक मिशन अवधि के रूप में ध्यान केन्द्रित करें तथा मादक पदार्थ तस्करों पर नकेल कसने, मादक पदार्थ अपराधियों के प्रत्यर्पण को सुनिश्चित करने तथा मादक पदार्थ विरोधी प्रयासों में ऊपर से नीचे तथा नीचे से ऊपर तक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।