
गोपेश्वर, 0९ दिसम्बर ।
चमोली जिले की चीन सीमा से लगी नीती घाटी में टिम्मरसैंण महादेव (बाबा बर्फानी) गुफा की यात्रा को लेकर पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत 26.85 करोड़ की लागत से टिम्मरसैंण गुफा तक जाने के लिए डेढ़ किमी ट्रेक, टिन शेड व पार्किंग निर्माण का कार्य हो रहा है। साथ ही गुफा के आसपास सुंदरीकरण का कार्य भी चल रहा है। सरकार व विभाग की मंशा टिम्मरसैंण गुफा को पर्यटन के साथ तीर्थाटन सर्किट से जोडऩे की है। इस गुफा में शीतकाल के दौरान बर्फ के पांच से सात शिवलिंग आकार लेते हैं।देश के प्रथम गांव नीती से डेढ़ किमी की दूरी पैदल तय कर टिम्मरसैंण गुफा पहुंचा जाता है, जिसकी ख्याति बाबा बर्फानी गुफा के रूप में है। शीतकाल में घाटी के बाशिंदे निचले स्थानों पर ऋतु प्रवास कर जाते हैं। इस दौरान यहां सिर्फ सेना व बीआरओ की चहलकदमी रहती है और गुफा में पूजा का जिम्मा भी सेना के जवान ही संभालते हैं। इसी अवधि में फरवरी से अप्रैल के बीच गुफा में बर्फ के पांच से सात शिवलिंग आकार लेते हैं, जिनके दर्शन को बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने ध्यान लगाया था। गुफा में मौजूद शिवलिंग पर लगातार पानी की बूंदें टपकती रहती हैं, जो इसे और भी खास बनाती हैं। गुफा की लंबाई 50 मीटर के आसपास है।क्षेत्र के लोग पीढिय़ों से टिम्मरसैंण महादेव गुफा में दर्शन व पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। लेकिन, देश-दुनिया के श्रद्धालुओं की पहुंच से यह स्थल अभी बहुत दूर है।
यहां के लिए अब तक विधिवत यात्रा का खाका भी नहीं खींचा जा सका है। सरकार अगर ज्योतिर्मठ-नीती हाईवे को बारहों महीने सुचारु रखे तो नीती घाटी में फरवरी से अप्रैल तक बाबा बफार्नी की यात्रा हो सकती है। इससे क्षेत्र में पर्यटन व तीर्थाटन को नये आयाम मिलेंगे। साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी होगा। ज्योतिर्मठटिम्मरसैंण गुफा में शीतकाल के दौरान बाबा बर्फानी परिवार के साथ दर्शन देते हैं। विभाग ने इस क्षेत्र को पर्यटन सुविधाओं से जोडऩे के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत गुफा तक 1.5 किमी का ट्रेक व 40 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग का निर्माण और अन्य कार्य किए जाने हैं। इसके अलावा गुफा के आसपास सुंदरीकरण का कार्य भी हो रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो।


















