
जांजगीर । अबूझ मुहूर्त अक्षय फल देने वाली तृतीया 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल की शाम 5.32 बजे से शुरू हो जाएगी। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है, जो इस वर्ष विशेष शुभ संयोग लेकर आई है।
संस्कृत में अक्षय का अर्थ है- जो कभी क्षय न हो। मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कार्य, दान, हवन या खरीदारी अक्षय फल देती है। यही कारण है कि इसे विवाह, गृहप्रवेश, वाहन या सोने-चांदी की खरीदारी जैसे नए कार्यों की शुरुआत के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन विवाह जैसे मांगलिक कार्य बिना पंचांग देखे भी किए जा सकते हैं। इस दिन सोने और चांदी की खरीदारी का भी विशेष महत्व है, जिसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। देशभर में इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजन, कथा और हवन का आयोजन किया जाता है।
इस दिन ग्रहों की शुभ स्थिति बनने से हर तरह की खरीदारी और नई शुरुआत लंबे समय तक फायदा देने वाली रहेगी। स्कन्द पुराण के अनुसार, अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना समृद्धि देने वाला होता है। इसी तरह धनतेरस, रथ सप्तमी, गुरु पुष्य और रवि पुष्य योग भी सोना खरीदने का विशेष मुहूर्त है। ग्रंथों में बताया गया है सोना पूर्व या उत्तर दिशा से खरीदना चाहिए। ब्रह्मांड पुराण के अनुसार उत्तर दिशा से खरीदा गया सोना शुभ फल देता है। इससे आत्मविश्वास और सकारात्मकता में वृद्धि होती रहती है। ऐसी स्थिति में की गई नई शुरुआत समृद्धि देने वाली होती है।