बाराद्वार। शहर के मध्य में स्थित रेलवे फाटक इन दिनों नगरवासियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बना हुआ है। यह रेलवे फाटक बाराद्वार रेक प्वाइंट के पास स्थित है, जहां प्रतिदिन दर्जनों मालगाडिय़ों की लोडिंग-अनलोडिंग होती है। इसके चलते दिनभर फाटक का बंद रहना आम बात हो गई है। फाटक बंद होने की वजह से शहर में ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है, जिससे आम लोगों का दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, एक मालगाड़ी की संटींग प्रक्रिया में औसतन 25 से 30 मिनट तक फाटक बंद रहता है।
हालांकि फाटक खुलने के बाद भी यातायात व्यवस्था सामान्य होने में कम से कम आधे घंटे का समय और लग जाता है। इस दौरान फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। खासकर दुपहिया वाहन चालक और पैदल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रविवार को तो हालात और भी बदतर हो जाते हैं, क्योंकि रेलवे फाटक के पार हर रविवार को क्षेत्र का सबसे बड़ा इतवारी बाजार लगता है। इस दिन नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग सब्जी, फल और अन्य जरूरत का सामान खरीदने यहां आते हैं। इस रविवार को जब रूप चौदस (छोटी दीपावली) का पर्व भी था, तब खरीददारों की भीड़ और अधिक बढ़ गई थी।
लेकिन बार-बार फाटक के बंद होने के कारण आम लोगों के साथ-साथ व्यापारियों और बाइक चालकों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ा।रेलवे फाटक के उस पार रहने वाले नागरिकों के लिए यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। उन्हें अपने रोजमर्रा के छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी फाटक पार करना पड़ता है, लेकिन अधिकतर समय फाटक बंद रहने के कारण उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो एंबुलेंस और स्कूली वाहन भी जाम में फंस जाते हैं, जिससे आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित होती हैं। स्थानीय लोगों ने इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से समाधान की मांग की है। फाटक खुलने के बाद इस तरह लगता है जाम।