
मुंबई, 1१ मई ।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजने के लिए भारत को किसी देश के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। एक्स पर एक पोस्ट में प्रियंका ने जोर देकर कहा कि भारत को किसी देश के हस्तक्षेप के बिना इस मामले पर आगे बढऩा चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजने के लिए हमें अमेरिका या किसी अन्य देश के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। नियति ने हमें यह जिम्मेदारी दी है और भारत को इस चुनौती का सामना करना चाहिए। यह तब हुआ जब राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म होने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर शांति नहीं बहाल हुई तो लाखों लोग मारे जा सकते थे। शायद वे दोनों देशों के बीच संभावित परमाणु युद्ध की बात कर रहे थे।
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत और अडिग नेतृत्व पर बहुत गर्व है, क्योंकि उनके पास यह जानने और समझने की शक्ति, बुद्धि और धैर्य है कि वर्तमान आक्रमण को रोकने का समय आ गया है, जो कई लोगों की मौत और विनाश का कारण बन सकता था। लाखों अच्छे और निर्दोष लोग मारे जा सकते थे! आपकी विरासत आपके साहसी कार्यों से बहुत बढ़ गई है। ट्रंप ने इस दावे पर जोर दिया कि अमेरिका ने शांति स्थापित करने में मदद की और कश्मीर पर समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। भारत ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बार-बार खारिज किया है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। शनिवार को भारत ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका को भी कमतर बताते हुए कहा था कि दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सहमति बन गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लगातार अपना रुख बनाए रखा है। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है। भारत ने लगातार आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ दृढ़ और अडिग रुख बनाए रखा है। यह ऐसा करना जारी रखेगा।