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नई दिल्ली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होना समय की आवश्यकता है। अलग-अलग समुदायों के लिए अलग-अलग कानून होने से समाज में भेदभाव और असमानता बनी रहती है।
देश में नागरिक संहिता को एक होना चाहिए
जब एक देश, एक संविधान और एक न्याय व्यवस्था है तो नागरिक संहिता भी एक होनी चाहिए। इससे मुस्लिम महिलाओं को न्याय व सम्मान की गारंटी मिलेगी। इंद्रेश कुमार राजघाट के गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के टैगोर हाल में एमआरएम की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में 100 से अधिक पदाधिकारी शामिल हुए। इंद्रेश कुमार ने कहा कि तीन तलाक हो या हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाएं मुस्लिम समाज की प्रगति में बाधा डालने वाली कुप्रथाएं हैं। इस्लाम का मूल संदेश शांति और इंसानियत है, लेकिन कुछ लोग इसे अपने स्वार्थ के लिए तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे हैं। इंद्रेश ने कहा कि समय आ गया है कि हम सुधार की राह पर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल मुस्लिम समाज के उत्थान और गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार पर रोक जरूरी है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि काशी और मथुरा के विवादों का हल भी बातचीत और सौहार्दपूर्ण तरीके से निकाला जा सकता है।
बाबर, औरंगजेब और अन्य विदेशी आक्रांताओं के कृत्यों को आज का मुसलमान अपने सिर पर ढोने को तैयार नहीं है। हमें चाहिए कि हम ऐतिहासिक गलतियों को स्वीकार करें और न्याय की राह पर चलें। इसी तरह, मतांतरण को हथियार बनाकर सांप्रदायिक राजनीति करने वालों को बेनकाब करना जरूरी है।
शा मुक्ति अभियान चलाया जाएगा
बैठक के बाद एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा व रायशुमारी के साथ ही मुस्लिम युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए नशा मुक्ति अभियान और गरीब, विधवा, अनाथों व जरूरतमंदों की सहायता के लिए ‘इमदाद फंड’ स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, झारखंड के पूर्व मंत्री डा. शाहिद अख्तर, राजस्थान के पूर्व राज्यमंत्री अबु बकर नकवी, मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री एसके मुद्दीन, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री मजाहिर खान, उत्तराखंड के पूर्व राज्यमंत्री बिलाल उर रहमान व अन्य लोग उपस्थित रहे।