जिनेवा। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चल रहे रूस के प्रतिनिधि के भाषण के दौरान बुधवार को यूक्रेन के समर्थन में कई देशों के राजदूतों ने वॉकआउट कर दिया। इनमें फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के राजदूतों सहित अन्य गणमान्य शामिल थे। वे कमरे के बाहर एकत्र हुए जहां यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह सत्र आयोजित किया जा रहा था।

यूक्रेन को वार्ता की मेज पर होना ही होगा- ब्रिटेन

संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन में ब्रिटेन के राजदूत साइमन मैनली ने कहा कि यूक्रेन के प्रति हमारा समर्थन अटल है। हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप न्यायपूर्ण और स्थायी शांति देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को वार्ता की मेज पर होना ही होगा।
फ्रांस के राजदूत जेरोम बोनाफोंट ने कहा कि अगर हम यूक्रेन के साथ जो हुआ, उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त किए बिना उसे नजरअंदाज कर देंगे तो उन मौलिक सिद्धांतों के विघटन का द्वार खोल देंगे, जिन पर संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी। परिषद में रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन ने यूक्रेन पर मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार और स्वतंत्रता की रक्षा दोहरे मानदंडों के साथ सही नहीं है।
वहीं, यूक्रेन के प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना का आरोप लगाते हुए रूस की आलोचना की। भाषण के बाद उन्होंने कहा कि अमेरिका को हमारे बिना यूक्रेन के बारे में कुछ नहीं कहना चाहिए।