
बलरामपुर। जिले में पदस्थ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एक जूनियर इंजीनियर (JE) का रिश्वत लेते वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। रामानुजगंज ब्लॉक के भेंडरी गांव में बिजली कनेक्शन के एवज में 15 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए JE शांतनु वर्धन का वीडियो वायरल होते ही विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई। विभाग ने न केवल JE को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया बल्कि उसे बलरामपुर से बीजापुर ट्रांसफर कर दिया है।
“कमीशन फिक्स है, सब जानते हैं…” – वायरल वीडियो में JE वायरल वीडियो में JE
शांतनु वर्धन एक ग्रामीण से 500-500 रुपए के 30 नोट यानी 15,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए साफ दिखाई दे रहा है। वीडियो में शांतनु यह कहते सुना जा सकता है कि “यहां सबका बंधा हुआ है, आप सब जान ही रहे हैं।” इसके साथ ही वह वहां मौजूद अपने एक अन्य सहकर्मी की ओर इशारा करते हुए कहता है, “यह मेहनत कर रहा है, इसका भी ध्यान रखना।” वीडियो में JE गड्डी से पैसे गिनते हुए दिख रहा है, जो एक ग्रामीण ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। रिकॉर्डिंग करने वाला ग्रामीण कोई और नहीं बल्कि खुद शिकायतकर्ता विनय यादव है, जो बिजली मीटर कनेक्शन के लिए शांतनु वर्धन के पास आवेदन लेकर पहुंचा था।शिकायत के बाद हुआ खुलासा, मीटर लगा लेकिन रिकॉर्ड में दर्ज नहीं
विनय यादव ने बताया कि उसने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था, लेकिन JE ने मीटर लगाने के लिए 15 हजार रुपए रिश्वत मांगी। मजबूरी में उसने पैसे दिए और साथ ही पूरे घटनाक्रम को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। मीटर तो लगाया गया, लेकिन एक दिन बाद ही उसे हटा लिया गया। जब विनय बिजली विभाग कार्यालय में मीटर की स्थिति चेक कराने पहुंचा तो पता चला कि उसकी कोई एंट्री ही नहीं है। तब जाकर विनय यादव ने रिश्वत के वीडियो की सीडी बनवाकर 16 जुलाई को बलरामपुर कलेक्टर के जनदर्शन में जाकर शिकायत की। शिकायत के बाद मामले ने तेजी पकड़ी और सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही विभागीय अधिकारियों ने जांच शुरू की।
JE निलंबित, बीजापुर ट्रांसफर, विभागीय जांच जारी
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के चीफ इंजीनियर यशवंत शिलेदार ने वीडियो की पुष्टि होने के बाद JE शांतनु वर्धन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही उसे बीजापुर ट्रांसफर कर दिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यपालन अभियंता (Executive Engineer) प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद 23 जुलाई को JE शांतनु वर्धन को निलंबन की कार्रवाई की गई। फिलहाल विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और आगे की कार्रवाई उसी के आधार पर तय की जाएगी।