
काबुल, 01 सितम्बर ।
काबुल पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान सीमा के पास आए एक शक्तिशाली भूकंप से कई गांवों को तबाह कर दिया है। इलाके में भारी नुकसान पहुंचा है। इस भूकंप में अब तक कम से कम ६२२ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कम से कम १३०० अन्य घायल हुए हैं। खोज और बचाव दल के इलाके में पहुंचने के साथ ही मृतकों और घायलों की संख्या बढऩे की आशंका है। इससे पहले रविवार देर रात आए भूकंप ने पड़ोसी नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर के पास कुनार प्रांत के कई कस्बों को बर्बाद कर दिया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, रात 11.47 बजे आए 6.0 तीव्रता के भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर से 27 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में था। यह महज आठ किलोमीटर की गहराई में था।
कम तीव्रता वाले भूकंप ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। कुनार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि नूर गुल, सोकी, वातपुर, मनोगी और चापादारे जिलों में कम से कम ६२२ लोग मारे गए और १३०० अन्य घायल हुए। जन स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान ने कहा, बचाव अभियान अभी भी जारी है। कई गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। शहीदों और घायलों के आंकड़े बदल रहे हैं। कुनार, नंगरहार और राजधानी काबुल से चिकित्सा दल इलाके में पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि कई इलाकों से हताहतों की संख्या की सूचना नहीं मिल पाई है। मौतों और घायलों की सूचना मिलने पर आंकडों में बदलाव की आशंका है। पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ अपनी निकटता और दोनों देशों के बीच एक प्रमुख सीमा पार होने के कारण जलालाबाद एक चहल-पहल वाला व्यापारिक शहर है। नगरपालिका के अनुसार इसकी आबादी लगभग 3,00,000 है, लेकिन इसका महानगरीय क्षेत्र कहीं अधिक बड़ा माना जाता है। इसकी अधिकांश इमारतें कम ऊंचाई वाली हैं, जो ज्यादातर कंक्रीट और ईंटों से बनी हैं। इसके बाहरी इलाकों में मिट्टी की ईंटों और लकड़ी से बने घर हैं। कई घरों की गुणवत्ता घटिया है।
वहीं, भूकंप के झटकों का असर पाकिस्तान और भारत में भी देखा गया है। भूकंप का असर दिल्ली एनसीआर तक देखने को मिला। आधी रात को अचानक धरती हिलने से कई लोग अपने घरों से निकालकर बाहर भागे। लोगों में दहशत का माहौल था। हालांकि, अफगानिस्तान की तुलना में दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके हल्के थे, जिससे कोई जानमाल की हानि नहीं हुई।