
नईदिल्ली, २५ जुलाई ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेहद आक्रामक शुल्क नीति से फैली वैश्विक अस्थिरता के बीच वैश्विक उद्योग जगत में भरोसा जगाते हुए भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए।लंदन में पीएम नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की मौजूदगी में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनोल्ड ने समग्र आर्थिक व कारोबारी समझौते (सीटा) पर हस्ताक्षर किए।इसे दोनों प्रधानमंत्रियों ने ऐतिहासिक करार दिया। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने भारत व ब्रिटेन के द्विपक्षीय रिश्तों के अगले 10 वर्षों की दिशा तय करने वाले विजन डाक्यूमेंट-2035 को भी मंजूरी दी। इसमें रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने वाले रोडमैप को भी मंजूरी दी गई है। पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार देर रात लंदन पहुंचे। गुरुवार को स्टार्मर के साथ बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेस में उन्होंने सीटा के बारे में कहा- यह समझौता केवल आर्थिक साझेदारी नहीं, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है। एक ओर भारत के कपड़ा, जूते, रत्न व आभूषण, समुद्री खाद्य, इंजीनियरिंग उत्पादों को ब्रिटेन में बड़ा बाजार मिलेगा। भारत के कृषि व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए भी ब्रिटेन में नए अवसर बनेंगे। भारत के युवाओं, किसानों, मछुआरों, और मझोले व छोटे उद्यमों को विशेष तौर पर लाभ होगा। दूसरी ओर, भारत के लोगों व उद्योग के लिए ब्रिटेन के उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों व उड्डयन क्षेत्र के कल-पुर्जों की उपलब्धता सुलभ व किफायती होगी। इससे कारोबार करना आसान होगा।ब्रिटेन को भारत के सक्षम कार्यकुशल श्रमिक उपलब्ध होंगे। दोनों देशों में निवेश बढ़ेगा और इससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे। इतना ही नहीं, दो लोकतांत्रिक देशों और विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थों के बीच समझौते से वैश्विक स्थिरता और संपन्नता को भी बल मिलेगा। इस दौरान पीएम स्टार्मर ने इस समझौते को ब्रिटिश जनता और कारोबारियों के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने इसे यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन का सबसे महत्वपूर्ण कारोबारी समझौता करार दिया। उन्होंने कहा- इससे द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से वृद्धि होगी। ब्रिटिश उपभोक्ताओं को सस्ते कपड़े, जूते और खाद्य उत्पाद मिलेंगे। यह ब्रिटेन में हजारों नौकरियां पैदा करेगा और कामकाजी लोगों की जेब में अधिक पैसा डालेगा। पिछले तीन वर्षों में मोदी सरकार ने यूएई, आस्ट्रेलिया और चार यूरोपीय देशों के संगठन ईएफटीए के साथ कारोबारी समझौते किए हैं, लेकिन ब्रिटेन के साथ किया गया यह समझौता विशेष महत्व रखता है। ब्रिटेन न केवल दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, बल्कि भारत के साथ इसके रणनीतिक रिश्ते भी तेजी से विकसित हो रहे हैं।
वर्तमान में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार (सेवा और उत्पाद) 56 अरब डालर का है, जो इस समझौते के बाद केवल पांच वर्षों में दोगुना हो सकता है। भारत अभी यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ भी कारोबारी समझौते को अंतिम रूप देने में लगा है और बताया जा रहा है कि इन पर भी जल्द ही हस्ताक्षर होंगे। पीएम मोदी और पीएम स्टार्मर के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सारे आयामों पर विस्तार से बात हुई है। मोदी ने ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक संगठनों की भारत विरोधी गतिविधियों और भारत में आर्थिक अपराध करके ब्रिटेन में शरण लेने वालों की वापसी का मुद्दा भी उठाया। ब्रिटिश पीएम ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। प्रेस कांफ्रेंस में भी पीएम मोदी ने खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों की तरफ इशारा करते हुए कहा- हम एकमत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंडों का कोई स्थान नहीं है।
हम इस बात पर भी सहमत हैं कि अतिवादी विचारधारा वाली शक्तियों को लोकतांत्रिक आजादी का दुरुपयोग नहीं करने दिया जा सकता। जो लोग ऐसा करते हैं, वह लोकतंत्र को कमतर करते हैं, उनको निश्चित तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण के विषय पर भी हमारी एजेंसियां सहयोग और समन्वय से काम करती रहेंगी।इस दौरान सीबीआइ और ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी के बीच सहयोग को लेकर भी एक समझौता किया गया।
भारत में ब्रिटेन की ये चीजें होंगी सस्ती कार, शराब, मेडिकल उपकरण, अंतरिक्ष यान से जुड़े पा?र्ट्स, चाकलेट और सौंदर्य प्रसाधन के समान।ब्रिटेन में सस्ती होने वाली भारत की वस्तुएं टेक्सटाइल, लेदर व फुटवियर आइटम, इलेक्ट्रानिक्स, जेम्स व ज्वेलरी, इंजीनियरिंग एवं स्पो?र्ट्स गुड्स, खिलौने, दवा, केमिकल्स, भारत के कृषि उत्पाद, प्रोसेस्ड फूड और समुद्री उत्पाद।ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर जब बोल रहे थे तो अनुवादक को उनके वक्तव्य का हिंदी अनुवाद करने में कठिनाई हो रही थी। एक जगह वह ठिठक भी गईं और उन्हें कुछ बोलने को सूझ नहीं रहा था तो उन्होंने कहा- ”माफ कीजिए..”इस पर मोदी उनकी परेशानी भांप गए और उनसे बड़ी शालीनता से बोले-”आप परेशान मत होइए, हम बीच-बीच में अंग्रेजी के शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं.. चिंता मत कीजिए।” इस पर अनुवादक पीएम का धन्यवाद करती हैं। इसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि मोदी और हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं। इस पर वहां मौजूद लोग हंस पड़े।