अयोध्या, 0२ सितम्बर ।
रामजन्मभूमि परिसर के अतिविशिष्ट (वीवीआईपी) प्रवेश द्वार का निर्माण करा रहा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) अपने ही वायदे पर खरा उतर पाने में अक्षम साबित हो रहा है। यद्यपि इसका प्रमुख कारण गत दिनों हुई बारिश बताई जा रही है। यह अलग बात है कि कार्यदायी संस्था ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की डेडलाइन से पहले अक्टूबर तक प्रवेश द्वार का निर्माण अवश्य पूरा करा देने की बात कही है। नवंबर में रामजन्मभूमि के विभिन्न मंदिरों पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम प्रस्तावित है। ट्रस्ट की ओर से रामजन्मभूमि परिसर के चारो प्रवेश द्वारों के निर्माण का दायित्व उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपा गया है। इसी वर्ष अप्रैल माह में यूपीआरएनएन ने क्रासिंग संख्या-11 पर अति विशिष्ट प्रवेश द्वार का निर्माण शुरू कराया है। इस वीवीआईपी प्रवेश द्वार को अन्य द्वारों की अपेक्षा भव्यतम बनाया जाना है। ट्रस्ट की ओर से दी गई डेडलाइन के अनुसार कार्यदायी एजेंसी को नौ माह में प्रवेश द्वार का निर्माण पूर्ण कराना है, परंतु एजेंसी ने स्वयं लक्ष्य तय करते हुए इसे सितंबर तक ही निर्मित करा देने की बात कही थी। निर्माण प्रारंभ होने के बाद बड़ी तेजी से कार्य भी चल रहा था, लेकिन गत दिनों हुई भारी बारिश से कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो गया और इसमें लगने वाला लोहे का गेट भी अभी बन कर नहीं पहुंचा है। वर्तमान में इसका स्ट्रक्चर लगभग तैयार हो चुका है। इस पर बीम भी ढाली जा चुकी है।
अब इस पर चार-चार फीट के चार उपशिखरों का निर्माण होना है। इसके बाद फिनिशिंग होगी और चारों ब्लाक में लोहे के चार गेट लगेंगे, जिनमें से दो से प्रवेश व दो से निकासी होगी। यूपीआरएनएन के एक अधिकारी ने बताया कि क्रासिंग-11 पर निर्माणाधीन प्रवेश द्वार का लगभग 80 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है।इस प्रवेश द्वार की चौड़ाई 34 मीटर, लंबाई 17 मीटर और ऊंचाई छह मीटर है। 38 स्तंभों पर इसका स्ट्रक्चर तैयार किया गया है। उनका कहना था कि अब सितंबर तक तो नहीं लेकिन अक्टूबर में हर हाल में निर्माण पूरा हो जाएगा। इसके बाद क्रासिंग-तीन पर वीआईपी प्रवेश द्वार का निर्माण प्रारंभ होगा। रामजन्मभूमि परिसर के उत्तरी प्रवेश द्वार का निर्माण पूरा हो गया है।
सूत्रों ने बताया कि कार्यदायी एजेंसी यूपीआरएनएन ने इसे ट्रस्ट को हैंडओवर भी कर दिया है। अब ट्रस्ट को निर्णय लेना है कि इस प्रवेश द्वार का प्रयोग कब से शुरू किया जाए और इस रास्ते से प्रवेश होगा या निकासी कराई जाएगी। सुरक्षा कारणों से यह प्रवेश द्वार लंबे समय से बंद रखा गया है।