जांजगीर-चांपा। जिले में शनिवार को बारिश थमने से बाढ़ का खतरा टल गया। हालांकि दो दिनों की बारिश से नदी-नालों के उफान पर आने के कारण पानी तटीय इलाकों में घुस गया। नालों के पानी ने आसपास की खेतों को जलमग्न कर दिया। बाढ़ का खतरा – टलने से तटीय इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है।
पिछले दो दिनों से जिले समेत ऊपरी क्षेत्रो में हो रही बारिश ने लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। नदी और नालो का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा था। शुक्रवार की शाम तक नालों के उफान पर आने के कारण पानी तटीय इलाकों में घुस गया। नालों के पानी ने आसपास की खेतों को जलमग्न कर दिया। नालों के आसपास बने घरों तक पानी पहुंच गया था। शिवरीनारायण क्षेत्र में कंजी नाला उफान पर आने से कई गांव में बाढ़ की स्थिति चन गई। कलेक्टर ने बाढ़ राहत दल को एलर्ट कर दिया था। शुक्रवार की रात कामता में केजी नाला का पानी तटीय बस्ती में घुस गया। गांव के करीब 20 घर में पानी घुस गया। प्रशासन का राहत बचाव दल भी गांव में पहुंच गया था। प्रभावित लोग रात में अपने पहचान के अन्य लोगों के घर चले गए थे। हालांकि शनिवार को बारिश थम गई, जिसके कारण खतरा टल गया। इसके बाद शाम तक सब अपने घर लौट गए। इधर तुस्मा के पास रिंगनी-कुकदा मार्ग पर कंजी नाला के पुल के ऊपर शाम तक 2 फीट पानी चल रहा था। क्षेत्र के नालों के पुल पर पानी चलने
से शनिवार को भी आवागमन बाधित रहा। इधर बिलासपुर पामगढ़ मार्ग में कुटीघाट के लीलागर नदी पुल का पानी भी शनिवार को उतर गया और दोपहर बाद आवागमन बहाल हो गया।