
नई दिल्ली। देश के 52वें प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई को शुक्रवार को औपचारिक पीठ के समक्ष भावभीनी विदाई दी गई। वह 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस साल 14 मई को उन्होंने सीजेआई का पदभार संभाला था और अपने छह माह के कार्यकाल में उन्होंने ऐसे कई महत्वपूर्ण फैसले दिए, जिन्होंने वक्फ कानून से लेकर पर्यावरण संरक्षण और न्यायिक सुधारों तक व्यापक असर डाला।
औपचारिक पीठ के समक्ष विदाई कार्यवाही के दौरान, निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश गवई ने अपने कार्यों से संतोष जताया और कहा कि लगभग चार दशकों की अपनी यात्रा का समापन न्याय के छात्र के रूप में कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब मैं आखिरी बार इस अदालत से बाहर निकलूंगा तो मुझे इस बात का संतोष रहेगा कि मैं देश के लिए जो कुछ भी कर सकता था, वह कर पाया। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि प्रत्येक व्यक्ति, जज, वकील हमारे संविधान में प्रदत्त समानता, न्याय, स्वतंत्रता और भाईचारे के सिद्धांतों के आधार पर काम करता है और मैंने भी संविधान से दायरे में रहकर अपनि जिम्मेदारियां निभाने का प्रयास किया, जो हम सभी के लिए प्रिय है।





















