
कोरबा। पावर सिटी कोरबा में पिछले कुछ दिनों से लोगों ने गौर किया है कि मनोरोगियों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। अलग-अलग सडक़ों पर उनकी उपस्थिति परेशान भी करती है और चिंतित भी । इन सब के बीच सवाल यही है कि इसी वजह क्या हो सकती है और समाधान के लिए क्या किया जाए।
यह जरूर है कि बंगाल की खाड़ी में बने नए सिस्टम के कारण दो दिन तक हुई बारिश से कोरबा के तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज हुई है। ऐसे में हर कोई राहत महसूस कर रहा है दूसरी ओर कोरबा क्षेत्र में यहां वहां अजीबोगरीब हरकत करने वाले मानसिक बीमार की संख्या में बढ़ोतरी को साफ देखा जा रहा है। उनकी हालत ऐसी है कि ना तो आप उनसे कुछ पूछ सकते हैं और ना कुछ जान सकते हैं।
हालांकि कुछ मामलों में पुलिस संज्ञान लेने के साथ ऐसे प्रकरणों को आगे बढ़ती है और फिर कोर्ट के आदेश पर ऐसे मानसिक मरीजों को सेनदरी भेजने की कार्रवाई करती है। एक दूसरा विकल्प पड़ोसी झारखंड के रांची में भी है। वहां के लिए कोरबा से पर्याप्त बसे हैं। कुछ जानकार ऐसा बताते हैं कि लंबी दूरी की चलने वाली ट्रेनों से मानसिक बीमार की पहुंच यहां तक होती है और फिर इन्हें वापस भेजने में उतनी रुचि नहीं ली जाती जितना की होना चाहिए। इन सब कारणों से स्थानीय लोगों की परेशानी भी बढ़ रही है और सरकारी अमले के सामने चुनौतियां।