
रामपुर। सपा नेता आजम खान और अब्दुल्ला की मुश्किलें अभी और बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई तेजी से चल रही है। इसके कारण मुकदमे जल्द से जल्द फैसले तक पहुंचने लगे हैं। नवंबर माह में तीन मामलों में फैसला आ चुका है, जिनमें दो में वह बरी हो गए थे और एक में सात साल के कारावास की सजा हुई है। अब दिसंबर माह में भी दो मामलों में फैसला आने की संभावना है। इनमें एक मामला दो पासपोर्ट बनवाने से संबंधित है। इसमें अकेले अब्दुल्ला आरोपित हैं। इसमें अंतिम बहस पूरी हो चुकी है और न्यायालय ने फैसले के लिए पांच दिसंबर तय भी कर दी है। इससे पहले दस्तावेज से संबंधित दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैनकार्ड मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने सात साल की सजा सुनाई थी। दो पैन कार्ड व दो जन्म प्रमाणपत्र में दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर अब तक दोनों मामलों में सजा हुई है। ऐसे में यदि दो पासपोर्ट मामले में भी अब्दुल्ला को सजा होती है तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि, इस मामले में अगर बचाव पक्ष की दलीलों से अदालत संतुष्ट हो गई तो अब्दुल्ला को राहत मिल जाएगी। दूसरा मामला आजम का सेना को लेकर विवादित बयान का है। यह मुकदमा भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जून 2017 को सिविल लाइंस कोतवाली में कराया था। तब आजम खां सांसद थे। भाजपा विधायक का आरोप था कि आजम खां सपा कार्यालय पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। वह केंद्र और प्रदेश सरकार के विरोध में बोल रहे थे। आरोप है कि अचानक उन्होंने सेना के जवानों को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी कर दी। पुलिस ने इस मामले में जांच पूरी कर आजम खान के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था।
इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इसमें भी गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पत्रावली अंतिम बहस पर लगी है। सोमवार को बहस होगी। बहस पूरी होने पर इस मामले में भी फैसला सुनाया जाएगा। आजम खान यदि इसमें बरी होते हैं तो यह उनके लिए राहत की बात होगी। वह अब तक छह मुकदमों में बरी हो चुके हैं।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संदीप सक्सेना का कहना है कि दोनों मामलों में दिसंबर माह में फैसला आने की पूरी संभावना है। दो पासपोर्ट मामले में पांच दिसंबर को फैसला आ सकता है।





















