
कोरबा। सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना में एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र की महिला भू-विस्थापित परिवारों ने रोजगार और पुनर्वास की अपनी लंबित मांगों को लेकर एक निर्णायक और कड़ा कदम उठाते हुए कुसमुंडा एसईसीएल मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के मुख्य द्वार पर गेट को जाम कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन आंदोलन शुरू कर दिया है आंदोलनकारियो की और से आरोप लगाते हुए कहा गया हैं की यह आंदोलन उनके लगभग दो दशकों के अथक संघर्ष, एसईसीएल प्रबंधन तथा जिला प्रशासन की घोर उपेक्षा के खिलाफ एक सशक्त हुंकार है।
आंदोलन का मुख्य कारण 22 वर्षों से लंबित न्याय
आंदोलनकारी महिला भू-विस्थापित परिवारों का आरोप लगाते हुए स्पष्ट कहना है कि उन्होंने लगभग 22 वर्ष पूर्व अपने पूर्वजों की उपजाऊ और पुश्तैनी जमीन कुसमुंडा-एसईसीएल को इस भरोसे के साथ सौंपी थी कि उन्हें नियमानुसार रोजगार और उचित पुनर्वास मिलेगा। लेकिन, दो दशकों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी, कुसमुंडा एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन लगातार उनकी वैध और मानवीय मांगों की अनदेखी करते आ रहे हैं भू-विस्थापितों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा है कि उनकी समस्याओं के निराकरण और त्वरित पहल में प्रबंधन व प्रशासन बिल्कुल भी तत्पर नहीं है।
अधिकारियों पर उदासीनता का आरोप लगा जताया गहरा रोष
आंदोलन के दौरान महिला भू-विस्थापित परिवारों ने प्रबंधन और जिला प्रशासन के अधिकारियों पर उदासीन रवैये का आरोप लगाते हुए गहरा रोष व्यक्त किया, आंदोलनकारियों का कहना है कि एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी सहित जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने हमारी सुध तक नहीं ली यह उनकी संवेदनहीनता और भू-विस्थापितों के प्रति घोर उदासीनता को दर्शाता है हम शांतिपूर्ण ढंग से न्याय मांग रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की चुप्पी हमें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर रही है।
मांग पूरी होने तक जारी रहेगा संघर्ष
महिला भू-विस्थापित परिवारों ने दृढ़ता से घोषणा करी है कि उनका यह अनिश्चितकालीन आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों पर कुसमुंडा एसईसीएल प्रबंधन द्वारा त्वरित, ठोस और संतोषजनक निराकरण नहीं हो जाता।
महत्वपूर्ण मांगे
सभी पात्र भू-विस्थापित परिवारों के सदस्यों को तत्काल प्रभाव से एसईसीएल में रोजगार प्रदान किया जाए।
सभी भूविस्थापितों के लिए एक सम्मानजनक और स्थायी पुनर्वास पैकेज सुनिश्चित किया जाए।
भूविस्थापितों के तेवर देख लग रहा हैं की अब भूविस्थापित परिवार किसी भी कीमत पर अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन को इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेते हुए अविलंब भू-विस्थापितों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों का निराकरण करना चाहिए, अन्यथा आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।























