कोरिया बैकुंठपुर। दीपावली के अवसर पर जहां हर घर, आंगन दीपों की रोशनी से जगमगा रहा है, वहीं बैकुंठपुर की सडक़ों पर श्रीमती क्रांति और निर्मला जैसी अनेक महिलाएं तीन पहियों वाले वाहन के भरोसे शहर को स्वच्छ रखने में जुटी हैं।
एक ओर समाज के लोग अपने घर के द्वार पर आकर्षक रंगोली बनाकर ‘लक्ष्मी आगमन’ की तैयारी में व्यस्त हैं, वहीं ये सफाई मित्र पूरे समर्पण के साथ सभ्य समाज द्वारा फेंके गए कचरे को एकत्रित कर सडक़ों और गलियों को साफ-सुथरा बना रही हैं।
विडंबना यह है कि यही समाज जगह-जगह कचरा फैलाने, पार्टी के नाम पर डिस्पोजल, पॉलिथीन, प्लास्टिक और थर्माकोल फेंकने में कोई कसर नहीं छोड़ता और बाद में उसी सफाई कर्मियों पर सफाई की जिम्मेदारी छोड़ देता है। ऐसी ‘कर्मयोगी’ महिलाएं न केवल शहर को सुंदर बना रही हैं, बल्कि स्वच्छता, सेवा और समर्पण के दीप भी जला रही हैं।
इन सभी सफाई मित्र बहनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! आप ही सच्ची अर्थों में लक्ष्मी हैं, जो समाज को स्वच्छता का वरदान दे रही हैं। निश्चित तौर पर स्वच्छता का संदेश बहुत ही सराहनीय है