नई दिल्ली। बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता को उखाड़ फेंकने के बाद लोगों ने सोचा होगा कि वह इससे बेहतर देश बनाएंगे। हालांकि, लगभग एक वर्ष बाद वहां के हालात बेहतर होने के बजाय बदतर होते जा रहे हैं। यूनुस की अंतरिम सरकार की त्रासदी यह है कि उसकी छवि कितनी जल्दी धूमिल हो गई। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां कभी हसीना के पतन के बाद देश को सुधारने की बातें हो रही थीं, वहीं अब अविश्वास और गहराता जा रहा है।

रिपोर्ट में खुलासा

रविवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अपने ही लोगों के दमन के आरोपों का सामना कर रही है। कई मानवाधिकार संगठनों, पत्रकार और शिक्षाविद ने इस पर चिंता जाहिर की है।

राजनीतिक और सुरक्षा विश्लेषक क्रिस ब्लैकबर्न ने डिजिटल पोर्टल ‘नैरेटिवा 360’ के लिए एक लेख में लिखा कि अब सहानुभूति रखने वाली अंतरराष्ट्रीय आवाजें भी सवाल उठा रही हैं कि क्या यूनुस का बांग्लादेश हसीना के बांग्लादेश से कम सत्तावादी है।