दरभंगा, 01 अक्टूबर । अजय देवगन अभिनीत सच्ची घटना पर बनी फिल्म रेड की कहानी की तरह दरभंगा में भी एक गुमनाम पत्र ने आयकर विभाग की बिहार में सबसे लंबी चलने वाली छापेमारी बना दी।पटना से आई आयकर विभाग की टीम ने अशोक कैटल फीड (पशु आहार) समूह के देशभर के 16 ठिकानों पर सोमवार से छापेमारी शुरू की तो परत दर परत कर चोरी की ऐसी कहानी सामने आई, जिससे अधिकारी भी चकित रह गए। छठे दिन शनिवार तक हुई छापेमारी में एक अरब से अधिक नकद लेनदेन का पता चला है।छापेमारी में मिले तीन करोड़ का हिसाब नहीं देने पर जब्त किए गए हैं। जमीन में करोड़ों के निवेश के साक्ष्य मिले हैं। गहने, एफडी, विभिन्न अकाउंट में जमा रुपयों सहित अन्य कागजात की टीम अभी जांच ही कर रही है। सबसे बड़ी बात यह कि पशु आहार बनाने सहित आधा दर्जन फैक्ट्री चलाने वाले इस समूह ने 2017 के बाद रिटर्न तक नहीं दाखिल किया है। इससे पहले दरभंगा में ही 20 अप्रैल 2023 को डॉ. मृदुल कुमार शुक्ला और उनकी पत्नी डॉ. गुंजन शुक्ला के चार ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जो तीन दिनों तक चली थी।अशोक कैटल फीड की ओर से कर चोरी करने का एक अज्ञात पत्र अप्रैल 2023 में आयकर विभाग पटना को मिला।इस पर विभाग ने एक इंस्पेक्टर को जांच के लिए नियुक्त किया, उसकी रिपोर्ट के बाद 100 अधिकारियों की अलग-अलग टीमों में दरभंगा के साथ समूह के देशभर के 16 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। विभाग का मानना है कि राज्य में छापेमारी तो कई हुईं, लेकिन जो इनपुट मिला उसमें इस छापेमारी में 80 प्रतिशत से अधिक की उपलब्धि मिली है। इस कारण अब तक की छापेमारी में यह बड़ी सफलता है। एक अरब से अधिक बिना कर चुकाए नकद लेन-देन मिला है। विभिन्न बैंकों से मिले लाकर व एफडी सहित अकाउंट में हुए लेनदेन को खंगाला जा रहा है। इससे राशि में और वृद्धि होने की बात कही जा रही है। अघोषित नकद जमीन की खरीद में निवेश के सुराग मिले हैं। अब जमीन के कारोबार से जुड़े बड़े ब्रोकर के ठिकानों पर भी छापेमारी की तैयारी है।अशोक कैटल फीड समूह के असली मालिक स्व. बद्री प्रसाद महनसरिया थे, उनके पूर्वज पहले भगत सिंह चौक के पास सड़क किनारे तीसी, सरसों खरीदते थे। यहां से जीवन की शुरुआत के बाद गुल्लोवाड़ा बसंतगंज निवासी बद्री प्रसाद महनसरिया ने बाजार में गल्ला का कारोबार शुरू किया।समय बदला और तीनों पुत्र अशोक महनसरिया, आनंद महनसरिया और राज कुमार महनसरिया कारोबार में हाथ बंटाने लगे। इसके बाद तीनों भाइयों ने कारोबार बढ़ाया।महनसरिया फीड्स प्राइवेट लिमिटेड मैन्युफैक्चरिंग (खाद्य उत्पाद और पेय पदार्थ), लिलैक डीलमार्क प्राइवेट लिमिटेड बिजनेस सर्विसेज, दरभंगा फ्लोर प्राइवेट लिमिटेड विनिर्माण (खाद्य उत्पाद और पेय पदार्थ), अशोक कैटल एंड पोल्ट्री फीड्स प्राइवेट लिमिटेड विनिर्माण (खाद्य उत्पाद और पेय पदार्थ) सहित कई कंपनियों को खड़ा कर दिया। दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, पुणे सहित देश के अन्य शहरों में कंपनी के कारोबार की बात सामने आई है।