नईदिल्ली, २८ सितम्बर । धर्मशाला। जिला कांगड़ा के किसानों की फसल अब मंडी में खुले में खराब नहीं होगी। इंदौरा ब्लाक में स्थित अनाज मंडी मीलवां में सुरक्षित भंडारण के लिए एक मोबाइल स्टोरेज यूनिट का निर्माण किया गया है। उपायुक्त कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने बताया नई दिल्ली में प्रदेश सरकार की सलाहकार नंदिता गुप्ता के विशेष प्रयास से यह स्टोरेज यूनिट यहां निर्मित हुआ है। उन्होंने कहा स्टोरेज यूनिट का उपयोग क्षेत्र के कृषक अपने उत्पाद और अनाज को स्टोर करने के लिए कर सकेंगे। उन्होंने बताया इस मोबाइल स्टोरेज यूनिट के निर्माण में करीब 38 लाख रुपये व्यय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत इसके निर्माण के लिए 25 लाख रुपये व्यय करके जिला प्रशासन को नि:शुल्क कनवास उपलब्ध करवाया। भंडारण यूनिट के आधार के निर्माण के लिए जिला प्रशासन और एपीएमसी द्वारा 13 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। डीसी ने बताया भंडारण यूनिट की क्षमता 500 मीट्रिक टन है। जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से वर्ष 2022-23 में मीलवां अनाज मंडी प्रारंभ हुई थी। यहां निर्मित गोदाम तथा अन्य ठोस स्ट्रक्चर में अब तक 600 मीट्रिक टन अनाज के भंडारण की क्षमता थी। कई बार फसल अधिक होने की वजह से अनाज को बाहर खुले में रखना पड़ता था, जिससे उसके खराब होने का खतरा बना रहता था।इस मोबाइल स्टोरेज यूनिट के निर्माण के बाद मीलवां में अब कुल 1100 मीट्रिक टन अनाज को स्टोर किया जा सकेगा। डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिला कांगड़ा में तीन अनाज मंडियों के माध्यम से किसानों के अनाज का उपार्जन और भंडारण किया जा रहा है। फतेहपुर में 400 मीट्रिक टन, रियाली में 600 मीट्रिक टन और मीलवां में 1100 मीट्रिक टन अनाज के भंडारण करने की क्षमता है। तीन अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले खरीफ विपणन सीजऩ में क्षेत्र के किसान इसका पूरा लाभ उठा सकेंगे।