पटना, 01 नवंबर।
प्रदेश में किसी भी श्रेणी के अस्पताल, नर्सिंग होम के साथ डिस्पेंसरी या मेटरनिटी अस्पतालों के संचालन के लिए निबंधन अनिवार्य रूप से कराना होगा। बिना निबंधन अस्पताल चलाना संभव नहीं हो पाएगा। संबंधित अस्पतालों को निबंधन के साथ ही न्यूनतम मानकों का भी पालन करना होगा।सरकार ने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए क्लिनिकल स्टैब्लिशमेंट रेगुलेशन को क्रियांवित करने के लिए राज्य परिषद एवं जिला रजिस्ट्रीकरण प्रधिकार का पुनर्गठन कर दिया है। जिसकी अधिसूचना स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को जारी कर दी।विभाग के आदेश के मुताबिक राज्य परिषद की अध्यक्षता स्वास्थ्य सचिव करेंगे, जबकि इस परिषद में सदस्य सचिव होंगे निदेशक प्रमुख प्रशासन।
सदस्य के रूप में बिहार काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष, डेंटल काउंसिल के प्रतिनिधि, निदेशक देसी चिकित्सा, निबंधन परिषद के निबंधक, फूड परिषद के अध्यक्ष, आयुर्वेदिक, सिद्धी एवं यूनानी परिषद के प्रतिनिधि, आइएमए के अध्यक्ष, पारा मेडिकल से संबंधित प्रतिनिधि, इंडियन रेडक्रास सोसाईटी के प्रतिनिधि, रोटरी क्लब के प्रतिनिधि रहेंगे।जबकि जिला स्तर पर गठित रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार में जिलाधिकारी को अध्यक्ष पद का जिम्मा सौंपा गया है। संयोजक सिविल सर्जन होंगे।
सदस्यों में जिले के आरक्षी अधीक्षक, उप विकास आयुक्त और जिला आइएमए के अध्यक्ष को शामिल किया गया है। विभाग के अनुसार किसी भी अस्पताल को निबंधन के लिए न्यूनतम मानकों का पालन करना होगा। निर्धारित कार्मचारियों की उपलब्धता रखनी होगी। जितने भी मेडिकल रिकार्ड हैं उनका रखरखाव करना होगा रिपोर्ट उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी होगी। रजिस्ट्रीकरण के लिए अस्पतालों को निर्धारित फीस के साथ आनलाइन या आफलाइन आवेदन देना होगा।
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